Jharkhand: तमिलनाडु कमाने गए मजदूरों ने की मार्मिक अपील- हेमंत सर, हमें बचा लीजिए, जानें पूरा मामला

झारखंड
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रांची। काम की तलाश में झारखंड के मजदूर अन्य प्रदेशों में कमाने जाते तो हैं, पर गलत हाथों में पड़कर बड़ी मुसीबत में फंस जाते हैं। ताजा मामला धनबाद और गिरिडीह के मजदूरों का है। धनबाद और गिरिडीह से तमिलनाडु कमाने गए पांच मजदूर वहां बुरी तरह फंस गए हैं।

मजदूरों ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मार्मिक अपील की है। उनका एक वीडियो सामने आया है, जिसमें झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन से मार्मिक अपील की गई है। ये सभी मजदूर धनबाद और गिरिडीह जिले के रहने वाले हैं।

धनबाद जिले की तिलैया पंचायत और गिरिडीह जिले के खुखरा थाना क्षेत्र के सिमरकोड़ी गांव से मजदूरी करने के लिए 5 मजदूर तमिलनाडु गए थे। अब वहां से वीडियो संदेश जारी कर झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार से अपील की है कि, उन्हें वापस घर लौटने में मदद करें।

मजदूरों ने तमिलनाडु की एक कपड़ा फैक्ट्री के बाहर निकलकर किसी सुनसान जगह पर यह वीडियो बनाया और उसे अपने परिजनों को भेजा। इसके बाद सोशल मीडिया में यह वीडियो वायरल हो गया है।

तमिलनाडु में फंसे रमेश कुमार महतो के भाई सूरज कुमार महतो ने मीडिया को बताया कि मंगलवार को अपने भाई से संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन उसका फोन स्विचऑफ था। उन्होंने आशंका जताई कि फैक्ट्री के मालिक ने शायद मोबाइल फोन जब्त कर लिया होगा।

सूरज ने यह भी बताया कि उनके भाई के साथ काम कर रहे अन्य मजदूरों के भी मोबाइल स्विचऑफ हैं। मनियाडीह पंचायत के समिति सदस्य व जेबीकेएसएस नेता कनक गुप्ता ने बताया कि इनके साथ संपर्क करने का प्रयास किया जा रहा है। सभी 5 मजदूर तमिलनाडु में फंसे हैं। सरकार को उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करनी चाहिए।

जानें तमिलनाडु में फंसे मजदूरों के नाम और पता

  • रमेश कुमार महतो, तिलैया पंचायत, गोविंदपुर प्रखंड, धनबाद।
  • पारो सिंह, सिमरकोड़ी गांव, खुखरा थाना, पीरटांड़ ब्लॉक, गिरिडीह।
  • बबलू टुडू, जमदाहा (हरलाडीह), थाना-खुखरा, पीरटांड़ ब्लॉक, गिरिडीह।
  • नरेश टुडू, जमदाहा (हरलाडीह), थाना-खुखरा, पीरटांड़ ब्लॉक, गिरिडीह।
  • सुकलाल सोरेन, जमदाहा (हरलाडीह), थाना-खुखरा, पीरटांड़ ब्लॉक, गिरिडीह।

गोविंदपुर प्रखंड के तिलैया पंचायत निवासी रमेश महतो के भाई सुरेश महतो ने बताया कि पहचान के ही एक व्यक्ति ने तमिलनाडु में कपड़ा फैक्ट्री में नौकरी लगाने की बात कही और सभी उसके साथ चले गए। एक सप्ताह पहले ये लोग गए थे। कहा गया था कि 25,000 रुपए प्रतिमाह तनख्वाह मिलेगी, लेकिन वहां जाकर बोरिंग के काम में लगा दिया।

बरसात के मौसम में बोरिंग का काम बंद है। इसके बाद सभी को तमिलनाडु के ही कवुंदमपलयम में रहने को विवश कर दिया। ठेकेदार ने उन लोगों से कहा कि 2 महीने तक यहीं पर रहना होगा। बारिश का मौसम खत्म होने के बाद फिर से काम मिलेगा। अभी 2 महीने बिना तनख्वाह के ही गुजरा करना होगा।

रमेश कुमार महतो के भाई सूरज कुमार महतो ने बताया कि जबरन ऐसा काम करने के लिए बाध्य किया जा रहा है, जो काम उन्होंने कभी नहीं किया। कथित तौर पर उनके साथ मारपीट भी की जा रही है। मंगलवार से संपर्क भी नहीं हो पा रहा है। संभवत: उनके पास से मोबाइल फोन भी जब्त कर लिया गया होगा।

इस मामले पर उन मजदूरों के एक पहचान वाले शिक्षित मजदूर युवक महावीर झारखंडी ने मजदूरों की व्यथा बताते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, मंत्री चंपाई सोरेन, मंत्री सत्यानंद भोक्ता एवं मंत्री बेबी देवी को सोशल मीडिया ‘एक्स’ पर टैग करते हुए ट्वीट किया है कि मजदूरों की तमिलनाडु से सकुशल वापसी कराई जाए।