- झारखंड प्रदेश की संस्थाओं के साथ ‘खादी संवाद कार्यक्रम’ आयोजित
रांची। रांची के अशोक नगर स्थित खादी और ग्रामोद्योग आयोग के राज्य कार्यालय के प्रांगण में ‘खादी संवाद कार्यक्रम’ का आयोजन 12 जुलाई को किया गया। इसमें राज्य की अधिकतर खादी संस्थाओं ने भाग लिया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य राज्य की खादी संस्थाओं के उत्पादन एवं बिक्री में आ रही कठिनाइयों पर सार्थक पहल करना है। कार्यक्रम में खादी और ग्रामोद्योग आयोग की सदस्य (पूर्वी क्षेत्र) मनोज कुमार सिंह शामिल हुए।
आज देश दुनिया में खादी वस्त्र की मांग काफी बढ़ी है। खादी वस्त्र के उत्पादन में पर्यावरण संतुलन रहता है। सतत विकास का लक्ष्य भी हासिल होता है। खादी वस्त्रों के उत्पादन से ग्रामीण क्षेत्र में बड़े पैमाने पर रोजगार का भी सृजन होता है, इसलिए अधिक से अधिक खादी संस्थायें झारखंड में बनें। उनकी गतिविधि बढ़े। यह भी इस खादी संवाद का उद्देश्य है।
सदस्य (पूर्वी क्षेत्र) ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने प्रथम और द्वितीय कार्यकाल के दौरान खादी और ग्रामोद्योग को प्राथमिकता पर रखते हुए अनेक प्रकार से बढ़ावा दिया है। इसका परिणाम है कि आज सरकारी खरीद में भी खादी वस्त्र की मांग बढ़ी है। परिणामस्वरुप खादी और ग्रामोद्योग आयोग की पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 की कुल बिक्री लगभग डेढ़ लाख करोड़ के रिकार्ड स्तर तक पहुंच गई है।
सदस्य (पूर्वी क्षेत्र) ने संस्थाओं से आग्रह किया कि आयोग द्वारा चलाई जा रही योजनाओं का पूरा-पूरा लाभ लें। राज्य में खादी के उत्पादन और बिक्री को और आगे बढ़ाएं। चूंकि कोकून के उत्पादन में झारखंड का देश में विशिष्ट स्थान है, खासकर तसर सिल्क के उत्पादन में, इसलिए संस्थायें अपनी दक्षता बढ़ा करके यहां के उत्पादों को देश के कोने-कोने में पहुंचायें। अपने प्रदेश को एक पहचान दिलायें। आयोग ने कोकून की समस्या को देखते हुए इस क्षेत्र के लिए एक कोकून बैंक की शुरुआत की है।
खादी संस्थाओं ने सुझाव दिया कि अन्य राज्यों की तरह झारखंड राज्य खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड भी संस्थाओं को सुविधाएं मुहैया करायें। बैठक में उपस्थित झारखंड राज्य खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड की मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्रीमती सुमन पाठक ने कहा कि अन्य राज्यों की तरह इस पर सार्थक पहल की जाएगी। अन्य राज्यों के खादी बोर्ड की तर्ज पर इस राज्य की संस्थाओं को भी झारखंड बोर्ड की तरफ से हर संभव मदद देने की पहल की जाएगी।
खादी संवाद में आदिम जाति समग्र विकास परिषद (अनगड़ा, रांची) के सचिव मो. आलम, संताल परगना ग्रामोद्योग समिति (देवघर) के प्रतिनिधि श्याम नन्दन राय, महादेव स्मारक खादी ग्रामोद्योग मंडल की सचिव सुश्री सुमन देमता, सिंहभूम ग्रामोद्योग विकास संस्थान (चाईबासा) की प्रतिनिधि श्रीमती अपूर्वा, खादी ग्रामोद्योग संघ (धनबाद) के सचिव विभांशु कुमार सिंह, खादी ग्रामोद्योग संघ (जमशुदपुर) के सचिव रविन्द्र कुमार ठाकुर, खादी ग्रामोद्योग संघ (हजारीबाग) के प्रतिनिधि संतोष कुमार सिंह, झारखंड राज्य खादी ग्रामोद्योग बोर्ड के किशोर कुमार सिंह, लोक सेवा केन्द्र (चाईबासा) के सचिव राजीव रंजन सिंह, पूर्वा खादी ग्रामोद्योग ट्रस्ट (हिनू, रांची) की सचिव नेहा परवीन की भागीदारी रही।
उपस्थित संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने खादी उत्पादन से संबंधित कत्तीन-बुनकरों के प्रशिक्षण की स्थानीय स्तर पर व्यवस्था करने का सुझाव दिया। सदस्य (पूर्वी क्षेत्र) ने वर्तमान परिस्थितियों के अनुरुप खादी संस्थाओं को खादी में डिजाइनर वस्त्र के निर्माण का सुझाव दिया, ताकि नई पीढ़ी खादी वस्त्र की ओर आकर्षित हो सके। उनमें इसकी लोकप्रियता और खादी की बिक्री बढ़े। ग्रामीण स्तर पर कार्यरत कत्तीन-बुनकरों की आमदनी में बढ़ोतरी हो सके।
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