शिशु मृत्यु दर कम करने के लिए मुस्कान पर मिला प्रशिक्षण

झारखंड
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  • राज्य के आठ जिलों के कर्मी हुए शामिल

रांची। राज्यभर के सभी सरकारी अस्पतालों में शिशु मृत्यु दर में कमी और शिशुओं को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मुस्कान सर्टिफिकेशन पर दूसरे बैच का प्रशिक्षण 4 जुलाई को नामकुम स्थित लोक स्वास्थ्य संस्थान में दिया गया। इसमें गुमला, गढ़वा, हजारीबाग, जामताड़ा, गिरिडीह, चतरा और गोड्डा जिले से आए एक-एक चिकित्सा पदाधिकारियों, अस्पताल प्रबंधकों, स्टाफ नर्स और कुपोषण उचार केंद्र के कर्मी शामिल हुए। पलामू, पाकुड़, रामगढ़, रांची, साहेबगंज, सरायकेला-खरसावां, सिमडेगा और पश्चिमी सिंहभूम जिल् के कर्मियों का प्रशिक्षण कल तीसरे सत्र में आयोजित होगा।

प्रशिक्षण सत्र में स्वास्थ्य विभाग के उपनिदेशक सह प्रशिक्षण कोषांग प्रभारी डॉ बीरेंद्र प्रसाद सिंह ने कहा कि गाइडलाइन के अनुसार सभी जिला अस्पतालों या अनुमंडलीय अस्पतालों को इस योजना के तहत शामिल किया किया गया है। वहां पीडियाट्रिक विभाग की चार सुविधाएं पीडियाट्रिक ओपीडी, एसएनसीयू, इंडोर और एमटीसी की फैसिलिटी होगी।

मुस्कान कार्यक्रम को लेकर पीडियाट्रिक की मूलभूत सुविधाएं, क्लीनिकल स्टाफ की सुविधा, बच्चों के लिए दवाएं और वातावरण पारिवारिक सहयोगी जैसी देखभाल फायर सेफ्टी सुविधा, प्रशिक्षण समय-समय पर इलेक्ट्रिक, ऑडिट, बायोमेडिकल वेस्ट प्रबंधन की भी जांच की जाएगी। स्टेट क्वालिटी सेल के अनुसार जिन अस्पतालों में पीडियाट्रिक से जुड़े संसाधनों की सुविधाएं उपलब्ध है, उन्हें वहां उपलब्ध सुविधाओं मरीजों के अधिकारों, सपोर्ट सर्विसेज, चिकित्सकीय सुविधाएं. संक्रमण पर नियंत्रण, क्वालिटी मैनेजमेंट, आउट और इनपुट के साथ अन्य तरीकों से जांचा परखा जाएगा। प्रशिक्षण में कर्मियों को इन्हीं बातों को लेकर दक्ष किया जा रहा है।

अस्पतालों में व्यवस्था के लिए आंतरिक निरीक्षण किया जाएगा। यह देखा जाएगा कि बच्चों को आउटडोर से लेकर इनडोर तक किस तरह की सुविधाएं व्यवस्थाएं मिल रही हैं। टीम द्वारा आकलन के दौरान बच्चों और उनके अभिभावकों से भी फीडबैक लिया जाएगा। हर बिंदु के अलग-अलग प्‍वाइंट मिलेंगे, जिनके आधार पर अस्पतालों को अंक दिए जाएंगे।

आईईसी कोषांग प्रभारी डॉ लाल मांझी ने कहा कि मुस्कान कार्यक्रम के अनुसार समय-समय पर अस्पतालों में इंटरनल असेसमेंट होगा। उसके बाद राज्य स्तरीय असेसमेंट होगा। इन्हीं पड़ाव से पार होने के बाद जो अस्पताल मुस्कान सर्टिफिकेट के लिए दावा करेंगे। उनको केंद्र की टीम द्वारा फाइनल असेसमेंट किया जाएगा। फाइनल असेसमेंट में भी जिस अस्पताल का पीडियाट्रिक विभाग 70% से अधिक अंक हासिल करेगा, उन्हें नेशनल मुस्कान सर्टिफिकेट तो मिलेगा ही साथ ही उसे नकद प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी।

कार्यक्रम में शिशु स्वास्थ्य परामर्शी सागर दास, मातृत्व स्वास्थ्य परामर्शी नलीन कुमार, गुणवत्ता आश्वासन परामर्शी अतीन्द्र, शिशु स्वास्थ्य पोषण परामर्शी रजनी कुमारी, मातृत्व एवं शिशु स्वास्थ्य परामर्शी विनीत कुमार ने भी सत्र में प्रशिक्षण दिया। प्रशिक्षण सत्र में विभा एवं रंजन द्वारा सहयोग प्रदान किया गया।

इधर राज्य आईईसी और सीपीएचसी कोषांग के संयुक्त प्रयास से आईसी-बीसीसी विषय पर दो दिवसीय प्रशिक्षण का तीसरा बैच गुरुवार से प्रारंभ हुआ। रांची, गोड्डा और गुमला जिले की नोडल सीएचओ को ट्रेनिंग दी जा रही है। आईईसी कोषांग प्रभारी डॉ लाल मांझी ने सभी प्रशिक्षणार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि समुदाय को जागरुक करने में संचार का अहम योगदान है। पुरानी और रुढिवादी परंपराओं को हम संचार के विभिन्न टूल का इस्तेमाल कर खत्म कर सकते हैं।

वहीं लोक स्वास्थ्य संस्थान में इंटरनल असेसर के लिए चल रहे तीन दिवसीय प्रशिक्षण का समापन गुरुवार को हो गया। अंतिम दिन सभी प्रशिक्षणार्थियों की परीक्षा ओएमआर शीट पर ली गई। आंसर शीट की जांच दिल्ली में क्वालिटी एश्योरेंस सेल द्वारा की जाएगी। परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों को इंटरनल असेसर का प्रमाण पत्र दिया जाएगा। स्वास्थ्य संस्थानों का मूल्यांकन कराया जाएगा।

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