- माहवारी स्वच्छता जागरुकता अभियान का समापन सह सम्मान कार्यक्रम
रांची। रांची विश्वविद्यालय की राष्ट्रीय सेवा योजना और यूनिसेफ के संयुक्त तत्वावधान में आरयू के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के सभागार में माहवारी स्वच्छता जागरुकता अभियान का समापन सह सम्मान कार्यक्रम 27 जुलाई को किया गया। विभाग के निदेशक डॉ बीपी सिन्हा की अध्यक्षता में कार्यक्रम आयोजित किया गया। विगत एक माह से जागरुकता अभियान चल रहा था।
कार्यक्रम की मुख्य वक्ता यूनिसेफ की झारखंड प्रमुख डॉ कनीनिका मित्र ने कहा कि माहवारी स्वास्थ्य और स्वच्छता प्रबंधन सभी लड़कियों एवं महिलाओं के लिए उपलब्ध होना चाहिए। यह विशेषकर किशोरियों को स्वस्थ एवं सशक्त महिला के रूप में विकसित होने में मदद करता है। माहवारी स्वच्छता की सुविधा मिलने से लड़कियों एवं महिलाओ के स्वास्थ्य एवं स्वच्छता को सुनिश्चित करने के साथ-साथ लैंगिक असमानता को दूर करने में भी मदद मिलती है।
डॉ मित्र ने कहा कि इसके लिए आवश्यक है कि समाज में भी इसको लेकर एक सकारात्मक वातावरण पैदा किया जाना चाहिए। इससे माहवारी स्वास्थ्य से जुड़े सभी मिथकों को समाप्त किया जा सकेगा। हम सामाजिक समर्थन, जागरुकता और कौशल विकास को बढ़ावा देकर सशक्तिकरण को सुनिश्चित किया जा सकेगा। महिला एवं लड़कियां अपनी पूरी क्षमता को प्राप्त कर सकेंगी। स्वस्थ एवं सम्मानजनक जीवन जी सकेंगी।
डॉ मित्र ने कहा कि माहवारी स्वच्छता पर्यावरण संरक्षण के लिए भी महत्वपूर्ण है। स्कूलों में बेहतर स्वच्छता सुविधाएं और सेवाएं जैसे कि कार्यशील शौचालय, हाथ धोने की सुविधा, साबुन की उपलब्धता, पैड और साबुन बैंकों को बढ़ावा देना
और सुविधाओं का संचालन एवं रखरखाव न केवल लड़कियों के स्वास्थ्य और स्वच्छता के लिए आवश्यक है, बल्कि स्कूलों से लड़कियों की अनुपस्थिति को कम करने के लिए भी महत्वपूर्ण है। माहवारी स्वच्छता को एक मुहिम बनाने की आवश्यकता है। युवाओं एवं छात्रों की भूमिका इसमे काफी महत्वपूर्ण है कि वे जनजागरण अभियान के माध्यम से लोगों को जागरूक करें।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए एनएसएस के कार्यक्रम समन्वयक डॉ ब्रजेश कुमार ने कहा कि माहवारी स्वच्छता पर चुप्पी तोड़ो–स्वस्थ रहो, इसे धरातल पर उतारें। इस अभियान का हिस्सा बनकर स्वयं जागरूक बनें एवं दूसरों को भी जागरूक करें।
माहवारी स्वच्छता विषय पर एन एस एस के स्वयंसेवकों द्वारा प्रभावी नुक्कड़ नाटक का मंचन किया गया। नाटक के माध्यम से माहवारी स्वच्छता का संदेश देते हुए बताया कि कैसे गंदगी के कारण एक किशोरी बीमार पड़ती है। उसकी जान चली जाती है। नुक्कड़ नाटक टीम का नेतृत्व आस्था और नाज ने किया।
कार्यक्रम को आईएलएस के निदेशक डॉ एसएन मिश्रा, यूनिसेफ की झारखंड संचार पदाधिकारी आस्था अलंग, लक्ष्मी सक्सेना, श्रेया, दिवाकर, पीयूष, क्षणिका आदि ने भी संबोधित किया।
इस अभियान में विगत एक माह से शामिल विभिन्न कार्यक्रमों में रांची विश्वविद्यालय के 14 महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालय विभागों के 225 एनएसएस के स्वयंसेवकों ने हिस्सा लिया। उन्हें अतिथियों द्वारा प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का संचालन एनएसएस की आस्था दीप ने किया। धन्यवाद यूनिसेफ की श्रेया ने किया। कार्यक्रम को सफल बनाने में एनएसएस के टीम लीडर्स सुरभि, अंकित, रिकेष, पुरषोत्तम, दीक्षा, आकाश, अंश, खुशी, स्वरा, अतुल, रुपाली, अनिता, नवीन आदि का उल्लेखनीय योगदान रहा। कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।
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