शिक्षकों के सम्मान के साथ समझौता नहीं, माफी मांगे परियोजना निदेशक

झारखंड
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पाकुड़। झारोटेफ के आह्वान पर राज्‍य परियोजना निदेशक आदित्य रंजन द्वारा शिक्षकों को लेकर की गई अमर्यादित और अशिष्ट टिप्पणी के विरोध में अपने विद्यालय में नंगें पैर रहकर 26 जुलाई को पठन-पाठन किया।

राज्य परियोजना निदेशक आदित्य रंजन ने प्रशिक्षण के दौरान शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा था कि‍ ‘कोई भी शिक्षक यदि विद्यालय में चप्पल पहन कर आते हैं, तो हम उसी चप्पल से उसको ऐसा मारेंगे कि वह पहनने लायक नहीं रहेगा।’ राज्य के शिक्षकों में परियोजना निदेशक के इस अमर्यादित टिप्पणी को लेकर उबाल हैं। वे मुख्यमंत्री से इन्हें शिक्षा विभाग से हटाने की मांग कर रहे हैं।

इस विषय पर झारोटेफ के प्रांतीय अध्यक्ष विक्रांत कुमार सिंह ने कहा कि शिक्षक समाज का सबसे प्रतिष्ठित वर्ग होता है। शैक्षणिक कार्य को बेहतर बनाने के लिए हंटर और गाली गलौज नहीं, बल्कि सम्मान एवं संसाधन चाहिए। एक वरिष्ठ अधिकारी से इस प्रकार के अशिष्ट बयान की उम्मीद नहीं की जा सकती। हम इसका घोर भर्तसना करते हैं। आज के सांकेतिक विरोध से हम सरकार को यह जताना चाहते हैं कि नंगे पांव रहकर पढ़ना तो संभव है, परंतु ऐसे अधिकारियों की अशिष्टता को बर्दाश्त करना संभव नहीं।

झारोटेफ के प्रदेश महासचिव उज्जवल कुमार तिवारी ने कहा कि परियोजना निदेशक द्वारा शिक्षकों को चप्पल मारने की बात से पूरा शिक्षक समाज आक्रोश में है। ऐसे पदाधिकारी को तत्काल शिक्षा विभाग से हटाने की आवश्यकता है। वहीं प्रांतीय संयोजक पंकज कुमार सिंह, प्रांतीय कोषाध्यक्ष नितिन कुमार, प्रदेश मीडिया प्रभारी दिलीप कुमार राय समेत प्रांतीय कार्यकारिणी के सदस्यों ने परियोजना निदेशक के बयान की निंदा की है

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