नई दिल्ली। भगवान श्री राम ने रावण से लड़ने के लिए वानरों के सहयोग से समुंद्र पर पुल बनाया था। इसे राम सेतु कहा जाता है। यह भारत के दक्षिण में धनुषकोटि और श्रीलंका के उत्तर पश्चिम में पम्बन के बीच स्थित है। इसकी लंबाई 29 किलोमीटर है।
राम सेतु का जिक्र रामचरित मानस और वाल्मीकि रामायण में भी है। इसमें कहा गया है कि पुल का निर्माण करने के लिए तैरने वाले पत्थरों का उपयोग किया गया था। इसके अवशेष आज भी दिखते हैं।
राम सेतु का चित्र नासा ने 14 दिसंबर, 1966 को जेमिनी-11 से अंतरिक्ष से प्राप्त किया था। अब इसरो के वैज्ञानिकों ने संपूर्ण राम सेतु का पहला समुद्र के नीचे का नक्शा बनाया है।
चूना पत्थर के ढेरों से बने 29 किलोमीटर लंबे राम सेतु का 99.98 प्रतिशत हिस्सा उथले पानी में दबा हुआ है। राम सेतु भारत के धनुषकोडी, रामेश्वरम द्वीप से लेकर श्रीलंका के मन्नार द्वीप तक फैला है।
मैपिंग अभ्यास से पूरे 29 किमी लंबे पुल का पहला समुद्र के नीचे का नक्शा तैयार हुआ है। इसमें समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 8 मीटर दिखाई गई है।
ये है चित्र

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