- आईईसी और सीपीएचसी-आम कोषांग के सहयोग से एसबीसीसी और आईपीसी पर चौथे बैच का प्रशिक्षण शुरू
रांची। मरीजों का पहला सम्पर्क कम्युनिटी हेल्थ आफिसर (सी-एच-ओ) से होता है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग के कार्यक्रमों को जनता तक पहुचाने की जिम्मेदारी में उनका प्रमुख स्थान है। उक्त बातें राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के मातृत्व स्वास्थ्य कोषांग प्रभारी डॉ पुष्पा ने कही। डॉ पुष्पा 18 जुलाई को रांची के नामकुम स्थित लोक स्वास्थ्य संस्थान में सीएचओ के लिए आयोजित दो दिवसीय आईईसी/बीसीसी प्रशिक्षण के चौथे बैच को संबोधित कर रही थीं।
डॉ पुष्पा ने कहा की संस्थागत प्रसव, प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व आश्वासन के बारे में आमजनों को जागरूक करें। उन्होंने परिवार नियोजन की विभिन्न स्थाई और अस्थाई विधियों के प्रयोग के बारे में आम जनों को ज्यादा से ज्यादा जागरूक करने पर बल दिया। परिवार नियोजन कार्यक्रम में पुरूषों की भागीदारी को बढ़ाने की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए कहा कि संचार तकनीक का उपयोग कर क्रांतिकारी बदलाव लाया जा सकता है।
आईईसी कोषांग प्रभारी डॉ लाल मांझी ने कहा कि संचार के माध्यम से हम स्वास्थ्य जागरुकता कार्यक्रम को आमजनों तक अच्छे से पहुंचा सकते हैं। सोशल मीडिया जैसे फेसबुक, यूट्यूब और एक्स हैन्डल के माध्यम से विश्वसनीय और प्रमाणित जानकारी हम लोगों तक पहुंचा सकते हैं।
डॉ मांझी ने प्रशिक्षणार्थियों से कहा कि आयुष्मान आरोग्य मंदिर आने वाले मरीजों, ग्रामीणों और स्कूली बच्चों के बीच स्वच्छ आदत और स्वच्छता व्यवहार अपनाने के लिए भी जागरूक करें। यह प्रशिक्षण आईईसी और सीपीएचसी आयुष्मान आरोग मंदिर (आम) कोषांग के सहयोग से दिया जा रहा है, जिसमें तकनीकी सहयोग यूनिसेफ द्वारा प्रदान किया जा रहा है।
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