पटना। नीट पेपर लीक मामले को लेकर देश भर में बवाल मचा है। अब मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है, जहां सरकार ने स्वीकार किया कि, पेपर लीक हुआ था।
इधर, सीबीआई की विशेष अदालत ने हजारीबाग से गिरफ्तार ओएसिस स्कूल के प्रिंसिपल एहसान उल हक, वाइस प्रिंसिपल इम्तियाज व जमालुद्दीन और धनबाद से गिरफ्तार अमन सिंह की रिमांड अवधि 11 जुलाई तक बढ़ा दी है।
नीट पेपर लीक मामले में सीबीआई की विशेष टीम इन लोगों से पूछताछ करेगी। धनबाद के झरिया से गिरफ्तार चिंटू को बेउर जेल भेज दिया गया।
पूर्व में लिए गए पांचों आरोपियों की रिमांड अवधि समाप्त होने के बाद सीबीआई ने सोमवार को उन्हें सीबीआई की विशेष अदालत में पेश किया। सीबीआई के वकील ने अदालत से उन्हें फिर से रिमांड पर देने की मांग की। अपनी दलील में वकील ने कहा कि अभी और पूछताछ की जरूरत है।
इसका बचाव पक्ष के वकील ने विरोध किया। मामले की गंभीरता को देखते हुए सीबीआई की विशेष अदालत के न्यायाधीश ने एहसान उल हक, इम्तियाज, जमालुद्दीन और अमन सिंह की रिमांड अवधि 11 जुलाई तक बढ़ा दी। जबकि चिंटू को जेल भेज दिया गया।
सीबीआई के सूत्रों का कहना है कि चिंटू से कई महत्वपूर्ण जानकारी मिल चूकी है। चिंटू अब पूछताछ में पुरानी बातों को ही दोहरा रहा है। इसकी वजह से उसकी रिमांड पर मांग नहीं की। रिमांड पर लिए गए सभी आरोपी झारखंड से जुड़े हुए है। ऐसे में सीबीआई अब झारखंड को केंद्र बना करके पेपर लीक की जांच कर रही है।
रिमांड पर लिए गए एहसान उल हक, इम्तियाज, जमालुद्दीन और अमन सिंह से पूछताछ के दौरान सीबीआइ को झारखंड से कई महत्वपूर्ण सुराग का पता चला। केंद्रीय एजेंसी झारखंड को केंद्र में रखकर जांच को आगे बढ़ रही है।
पूछताछ में पेपर लीक से जुड़े कई अन्य लोगों के नाम भी सामने आ रहे हैं। जिनकी जांच पड़ताल सीबीआई कर रही है। रिमांड पर लिए गए आरोपियों से बारी-बारी से नीट पेपर लीक मामले के मास्टर माइंड, पैसे के लेनदेन, अभ्यर्थियों की सही संख्या, फरार संजीव मुखिया और रॉकी के बारे में पूछताछ, पेपर के लिए निर्धारित पैसे सहित अन्य जानकारियों के बारे में पूछताछ की जा रही है। इन लोगों को आमने-सामने बैठा करके क्रॉस वेरिफिकेशन भी कराया है।
नीट पेपर लीक मामले में सीबीआई संजीव मुखिया और रॉकी के साथ ही अन्य आरोपियों की झारखंड में तलाश कर रही है। रॉकी और संजीव मुखिया की तलाश में सीबीआई लगातार छापेमारी कर रही है।
कई लोगों से पूछताछ की गयी है, लेकिन रॉकी और संजीव मुखिया का पता नहीं चला। पूछताछ के दौरान मिली जानकारी के आधार पर झारखंड में केंद्रीय एजेंसी अभ्यर्थियों की तलाश में जुटी है।