नई दिल्ली। कोयला मंत्रालय ने 7वें दौर के दूसरे प्रयास के अंतर्गत नीलाम की गई तीन कोयला खदानों के लिए 15 जुलाई को कोयला खनन विकास और उत्पादन समझौतों को सफलतापूर्वक निष्पादित किया। यह वाणिज्यिक कोयला खनन की सफलता में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। तीन खदानों में से दो आंशिक रूप से खोजी गई हैं, जबकि एक पूरी तरह अन्वेषित है।
समझौते किए गए खदानों मच्छकटा (संशोधित) कोयला खदान, कुडनाली लुबरी कोयला खदान और सखीगोपाल-बी काकुरही कोयला खदान हैं। सफल बोलीकर्ता क्रमशः एनएलसी इंडिया लिमिटेड, गुजरात मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड और तमिलनाडु जेनरेशन एंड डिस्ट्रीब्यूशन कॉरपोरेशन लिमिटेड हैं।
इन तीन खदानों से वाणिज्यिक नीलामी के अंतर्गत अनुमानित वार्षिक राजस्व सृजन लगभग 2,991.20 करोड़ रुपए है। यह लगभग 30.00 एमटीपीए की कुल पीक रेट क्षमता उत्पादन पर आधारित है। इन खदानों के चालू होने पर लगभग 40,560 प्रत्यक्ष और परोक्ष रोजगार सृजित होंगे। इसके अतिरिक्त, इन कोयला खदानों को चालू करने के लिए लगभग 4,500 करोड़ रुपए का निवेश आवंटित किया जाएगा।
यह पहल कोयला क्षेत्र में आत्मनिर्भरता, आर्थिक विकास, रोजगार सृजन में योगदान देने और राष्ट्र की ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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