मणिपुर हिंसा पर केंद्र सरकार का ये बड़ा एक्शन

नई दिल्ली देश
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नई दिल्ली। हिंसा की आग में जल रहे मणिपुर को लेकर केंद्र सरकार बहुत बड़ा एक्शन लेने जा रही है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को मणिपुर को लेकर हाई लेवल मीटिंग की।

बैठक में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला खुफिया ब्यूरो प्रमुख तपन डेका सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे समेत कई और बड़े अधिकारी शामिल हुए।

बता दें कि, बीते एक साल से ज्यादा समय से मणिपुर में मैतेयी और कुकी समुदाय में हिंसा का दौर चल रही है। हालांकि प्रदेश में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं।

इलके बाद भी छिटपुट हिंसा की खबर सामने आ ही जा रही है। दोनों समुदाय में संघर्ष के कारण 200 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। हजारों लोग अपना घर छोड़कर राहत शिविरों में रहने को मजबूर हैं।

केंद्रीय गृह मंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, खुफिया विभाग के ब्यूरो प्रमुख तपन डेका, सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे, लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी, मणिपुर के सुरक्षा सलाहकार कुलदीप सिंह, मणिपुर के मुख्य सचिव विनीत जोशी, मणिपुर के डीजीपी राजीव सिंह और असम राइफल्स के डीजी प्रदीप चंद्रन नायर शामिल हुए। गृह मंत्रालय में अमित शाह ने अधिकारियों के साथ बैठक की।

बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मणिपुर में सुरक्षा स्थिति की समग्र समीक्षा की और यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि मणिपुर में हिंसा की कोई और घटना न हो।

गृह मंत्रालय के मुताबिक उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर केंद्रीय बलों की तैनाती बढ़ाई जाएगी और राज्य में शांति बहाल करने के लिए रणनीतिक रूप से केंद्रीय बलों की तैनाती की जानी चाहिए। उन्होंने आगे निर्देश दिया कि हिंसा के अपराधियों के खिलाफ कानून के अनुसार सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।

केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत सरकार मणिपुर के सभी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने राहत शिविरों में स्थिति की भी समीक्षा की। विशेषकर भोजन, पानी, दवाओं और अन्य बुनियादी सुविधाओं की उचित उपलब्धता के संबंध में जानकारी हासिल की।

शाह ने मणिपुर के मुख्य सचिव को विस्थापित लोगों के लिए उचित स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाएं और उनका पुनर्वास सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।

मणिपुर में जारी हिंसा में अब तक सैकड़ों लोगों की जान जा चुकी है। कुकी और मेइती समुदाय के संघर्ष में 220 से ज्यादा लोग मारे गये हैं। वहीं बीते सप्ताह सशस्त्र उग्रवादियों ने मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के अग्रिम सुरक्षा दल के काफिले पर भी हमला किया था। आग्रवादियों ने कांगपोकपी में घात लगाकर सीएम के काफिले पर हमला किया था, जिसमें एक नागरिक चालक और एक सुरक्षा अधिकारी घायल हो गए थे।

मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर प्रदेश की राज्यपाल अनुसूइया उइके ने कल यानी रविवार को अमित शाह से मुलाकात की थी। इस दौरान राज्यपाल ने अमित शाह से प्रदेश के हालात को लेकर गंभीर चर्चा की थी।

बता दें कि, बहुसंख्यक मेइती समुदाय की अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग के विरोध में राज्य के पहाड़ी जिलों में आदिवासी एकजुटता मार्च के बाद 3 मई, 2023 को मणिपुर में जातीय हिंसा भड़क उठी थी।

मालूम हो कि, मणिपुर में जारी हिंसा को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने 10 जून को मणिपुर में एक साल के बाद भी शांति नहीं कायम होने पर चिंता जताई थी।

भागवत ने कहा था कि मणिपुर पिछले एक साल से शांति स्थापित होने की प्रतीक्षा कर रहा है। दस साल पहले मणिपुर में शांति थी। ऐसा लगा था कि वहां बंदूक संस्कृति खत्म हो गई है, लेकिन राज्य में अचानक हिंसा बढ़ गई है।