पहले दिन ही 13,000 से अधिक ने किए बाबा का दर्शन
बेस कैंप में 100 बिस्तर वाले दो अस्पताल बनकर तैयार
जम्मू-कश्मीर। पवित्र गुफा में बाबा बर्फानी का दर्शन करने के लिए जाने की सोच रहे हैं, तो यह खबर पढ़ लें, ताकि वहां आपको परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े।
दक्षिण कश्मीर में कड़ी सुरक्षा में हो रही वार्षिक तीर्थयात्रा के पहले दिन शनिवार को 13,000 से अधिक तीर्थयात्रियों ने पवित्र अमरनाथ गुफा मंदिर में दर्शन किए। तीर्थयात्रियों का पहला जत्था 3,880 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ गुफा मंदिर की यात्रा शुरू करने के लिए बालटाल और नुनवान स्थित दो आधार शिविरों से रवाना हुआ।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अमरनाथ यात्रा आरंभ होने पर तीर्थयात्रियों को शुभकामनाएं दीं और कहा कि बाबा बर्फानी के दर्शन कर शिवभक्तों में असीम ऊर्जा का संचार होता है। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि केंद्र सरकार अमरनाथ गुफा मंदिर की सुरक्षित, सुगम और सुखद तीर्थयात्रा सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
अमरनाथ यात्रा सुबह-सुबह दो मार्गों से शुरू हुई। अनंतनाग में 48 किलोमीटर लंबा पारंपरिक नूनवान-पहलगाम मार्ग और गांदरबल में 14 किलोमीटर लंबा और छोटा, लेकिन अधिक खड़ी चढ़ाई वाला बालटाल मार्ग। 52 दिनों तक चलने वाली यह तीर्थयात्रा 19 अगस्त को समाप्त होगी।
एक अधिकारी ने बताया कि पहले दिन 13,736 तीर्थयात्री प्राकृतिक रूप से बने हिम शिवलिंग के दर्शन करने के लिए गुफा मंदिर पहुंचे। तीर्थयात्रियों में 3,300 महिलाएं, 52 बच्चे, 102 साधु और 682 सुरक्षाकर्मी शामिल थे, जो दोनों मार्गों से मंदिर पहुंचे।
जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जम्मू के भगवती नगर स्थित यात्री निवास आधार शिविर से 4,603 तीर्थयात्रियों के पहले जत्थे को रवाना किया। यात्रा के सुचारू संचालन के लिए कड़े सुरक्षा प्रबंध किए गए हैं। यात्रा मार्ग पर पुलिस, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस और अन्य अर्धसैनिक बलों के हजारों सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। हवाई निगरानी भी की जा रही है।
इस बीच, सार्वजनिक उपक्रम ओएनजीसी ने कश्मीर में अमरनाथ के दो आधार शिविरों में 100 बिस्तरों वाले दो अस्पताल स्थापित किए हैं और घोषणा की है कि वार्षिक यात्रा के बाद भी ये चालू रहेंगे। पिछले साल 4।5 लाख से अधिक तीर्थयात्रियों ने अमरनाथ गुफा मंदिर में दर्शन किए थे।