नाबार्ड के महोत्‍सव में मिलेंगे रसायनमुक्त पके आम

झारखंड
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  • शहीद चौक और खेलगांव में आयोजन

रांची। आम के शौकीनों के लिए अच्‍छी खबर। राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के तत्‍वावधान में 21 से 23 जून, 2024 तक आम महोत्‍सव का आयोजन किया जा रहा है। रांची के शहीद चौक स्थित झारखंड राज्य सहकारी बैंक परिसर और खेलगांव के नेशनल हाउसिंग स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में आम महोत्सव होगा। इसमें राज्य के आदिवासी किसानों द्वारा उत्पादित विभिन्न प्रकार के आमों की प्रदर्शनी और बिक्री की जाएगी।

आम महोत्सव का उद्घाटन 21 जून को सहकारी बैंक परिसर में सुबह 11 बजे निर्धारित होगा। शहीद चौक में मेला सुबह 11.30 बजे से शाम 8 बजे तक और नाबार्ड ऑफिसर्स क्वार्टर, खेलगांव में 22 और 23 जून, 2024 को सुबह 7.30 बजे से सुबह 10.30 बजे तक महोत्‍सव का आयोजन होगा।

यह उत्सव नाबार्ड वाडी परियोजनाओं के तहत समर्थित आदिवासी किसानों के लिए आयोजित किया जा रहा है, जो आम उगा रहे हैं। यह शहरवासियों को अच्छी गुणवत्ता और रसायन-मुक्त यानी कार्बाइड मुक्त आम प्रदान करेगा। इन आदिवासी किसानों को बिचौलियों और कमीशन एजेंटों से मुक्त होकर सीधे बाजार भी प्रदान करेगा।

नाबार्ड झारखंड क्षेत्रीय कार्यालय वर्ष, 2021 से हर साल रांची में आम महोत्सव का आयोजन कर रहा है। आम महोत्सव में राज्य के विभिन्न नाबार्ड समर्थित वाडी परियोजनाओं द्वारा उगाए गए मालदा, हिमसागर, लंगड़ा, तोतापरी, आम्रपाली, मल्लिका आदि सहित आमों की विभिन्न किस्मों का प्रदर्शन और बिक्री की जाएगी। आम सीधे किसानों के खेतों से प्राप्त किए जाएंगे। उपज को पकाने के लिए किसी भी रसायन का उपयोग नहीं किया गया है।

आम महोत्सव के दौरान नाबार्ड के वाडी कार्यक्रम के लाभार्थी आदिवासी किसान उत्पादक संगठनों और गैर सरकारी संगठनों की मदद से अपने आम बेचेंगे। नाबार्ड ने आदिवासी किसानों को उनके मूल स्थानों पर उनकी आय बढ़ाने और प्रवासन को कम करने के लिए बागवानी, कृषि और कृषि वानिकी गतिविधियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए वाडी परियोजना लागू की है।

वाडी आदिवासी किसानों के लिए एक प्रमुख परियोजना है। इस परियोजना के माध्यम से आदिवासी किसान अपने मूल स्थानों पर विभिन्न प्रकार के बागवानी, कृषि और कृषि वानिकी गतिविधियों को अपनाकर अपनी पारिवारिक आय बढ़ाने में सक्षम हो सकते है, जिससे उनके प्रवासन को रोकने में मदद मिलती है।

इस कार्यक्रम के अंतर्गत राज्य में 61 परियोजनाओं के माध्यम से 65,000 हज़ार जनजातीय परिवारों के लगभग 33,756 एकड़ ज़मीन में 16 लाख से अधिक फलदार वृक्ष लगाये गये हैं। इसमें औसतन प्रति जनजातीय परिवार 1 लाख से 1.50 लाख रुपये की वार्षिक आमदनी होने का अनुमान है।

आम महोत्सव के दौरान रागी, शहद, सरसों तेल, घी, सब्जियां, जैविक चावल आदि की प्रदर्शनी और बिक्री भी की जाएगी। ये भी वाडी परियोजना के अंतर्गत जनजातीय परिवारों द्वारा उत्पादित हैं।

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