Big News: मोहन चरण मांझी होंगे ओडिशा के नये मुख्यमंत्री

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राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा किया पेश

ओडिशा। बड़ी खबर ओडिशा से आ रही है, मोहन चरण मांझी ओडिशा के नये मुख्यमंत्री होंगे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भूपेंद्र यादव की मौजूदगी में उन्हें विधायक दल का नेता चुना गया। कनक वर्धन सिंह देव और प्रभाती परिदा उपमुख्यमंत्री होंगी। सभी के नामों की घोषणा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की। कनक वर्धन देव सिंह ने मुख्यमंत्री पद के लिए मोहन मांझी के नाम का प्रस्ताव रखा। सभी विधायकों ने इनके नाम के प्रस्ताव का समर्थन किया।

सरकार बनाने का दावा किया पेश

विधायक दल का नेता चुने जाने के बाद बीजेपी विधायक मोहन चरण मांझी ने राज्यपाल रघुवर दास से मुलाकात की और सरकार बनाने का दावा पेश किया। इस दौरान भाजपा केंद्रीय पर्यवेक्षक राजनाथ सिंह व भूपेंद्र यादव, केंद्रीय मंत्री अश्विणी वैष्णव और धर्मेंद्र प्रधान समेत अन्य नेता भी मौजूद थे।

रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने की घोषणा

भाजपा ने 147 सदस्यीय ओडिशा विधानसभा में 78 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया है। मुख्यमंत्री का नाम तय करने के लिए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और भूपेंद्र यादव को ऑब्जर्वर बनाया गया था। राजनाथ सिंह ने बैठक के बाद मोहन मांझी के नाम की घोषणा की।

मोहन मांझी 12 जून को लेंगे शपथ

नामित मुख्यमंत्री और दो डिप्टी सीएम 12 जून को शपथ लेंगे। बीजेपी ने 12 जून को शपथ ग्रहण समारोह से पहले राज्य की राजधानी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक रोड शो आयोजित करने का प्रस्ताव किया है। राज्य की 21 लोकसभा सीटों में से 20 पर भाजपा ने जीत हासिल की है।

सीएम पद के लिए ये भी थे रेस में

ओडिशा के नये मुख्यमंत्री के लिए कुछ अन्य नामों की भी चर्चा हुई थी। जिसमें वरिष्ठ सांसद धर्मेंद्र प्रधान सबसे आगे चल रहे थे, लेकिन केंद्र सरकार में मंत्री नियुक्त किए जाने के बाद उनके नाम पर चर्चा खत्म हो गई। इसके अलावा ब्रजराजनगर क्षेत्र से विधायक सुरेश पुजारी के नाम की भी चर्चा हो रही थी। पुजारी के अलावा, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनमोहन सामल, केवी सिंह एवं मोहन मांझी भी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल थे।

बता दें कि, भाजपा ने ओडिशा की 147 विधानसभा सीट में से 78 पर जीत दर्ज कर बीजद के 24 साल के शासन को समाप्त करते हुए सत्ता हासिल की। वहीं, बीजद को केवल 51 सीट पर ही जीत मिली, जबकि कांग्रेस ने 14 और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने एक सीट जीती और तीन निर्दलीय उम्मीदवार भी विजयी हुए। बीजद राज्य की एक भी लोकसभा सीट नहीं जीत सका, जबकि भाजपा 20 सीट पर और कांग्रेस एक सीट पर विजयी रही। आंकड़ों पर नजर डालें, तो बीजद ने 2019 के विधानसभा चुनाव में 113 सीटें, भाजपा ने 23 सीटें और कांग्रेस ने नौ सीटें जीती थीं।