मध्यस्थता से सुलझा 10 वर्ष पुराना पारिवारिक विवाद

झारखंड
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  • अधिवक्ता मध्यस्थ श्रीमति सेवा चक्रवर्ती ने वाद को सुलझाया

रांची। मध्यस्थता केंद्र रांची में 10 वर्ष पुराना वाद को अधिवक्ता मध्यस्थ श्रीमति सेवा चक्रवर्ती के प्रयास और परिश्रम से सुलझा लिया ग्रया। यह वाद राजेश कुमार सिंह (अतिरिक्त कुटुम्ब न्यायालय-2) के न्यायालय से मध्यस्थता केंद्र रांची में मध्यस्थता के लिए आया था। उक्त भरण-पोषण वाद (संख्या ओ.एम.-82/2024) को अधिवक्ता मध्यस्थ श्रीमति सेवा चक्रवर्ती की मध्यस्थता के लिए डालसा सचिव कमलेश बेहरा ने सौंपा था।

उक्त वाद में प्रथम पक्ष पिंकी कुमारी व द्वितीय पक्ष अरविंद ठाकुर हैं। अरविंद ठाकुर की पहली पत्नी की मौत के बाद उन्‍होंने पिंकी कुमारी से दूसरी शादी की थी। पहली पत्नी से अरविंद ठाकुर को 3 बेटी और एक बेटा है। तीनों अभी बालिग है। पिंकी कुमारी शादी होकर जब अपने ससुराल गयी तो बालिग बेटि‍यों ने पिंकी कुमारी को परेशान करना शुरू कर दिया।

अरविंद ठाकुर ने इस बात पर कोई विरोध नहीं किया तो दूसरी पत्नी पिंकी कुमारी अपने ससुराल छोड़कर मायके चली गयी। लगभग 10 वर्ष से दोनों पति-पत्नी अलग रहने लगे। भरण-पोषण के लिए पिंकी कुमारी ने न्यायालय में यह वाद दायर किया था।

उक्त वाद दो बैठकों में सुलझा लिया गया। वाद को सुलझाने में अधिवक्ता मध्यस्थ सेवा चक्रवर्ती एवं दोनों पक्षों के अधिवक्ता क्रमशः उमेश सिंह च धरमदेव ठाकुर का महत्वपूर्ण योगदान रहा। यह जानकारी डालसा सचिव ने दी।

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