रांची के पीएमएलए कोर्ट ने खारिज की जमानत याचिका
रांची। बड़ी खबर आ रही है, सोमवार को रांची की विशेष पीएमएलए अदालत ने कथित जमीन हड़पने से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में झारखंड के पूर्व सीएम हेमंत सोरेन की जमानत याचिका खारिज कर दी। हेमंत सोरेन को 31 जनवरी को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया था।
झारखंड के पूर्व सीएम को यह झटका ऐसे वक्त में लगा है, जब सुप्रीम कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली हेमंत सोरेन की याचिका पर ईडी से 17 मई तक जवाब मांगा है। ईडी के विशेष न्यायाधीश राजीव रंजन की अदालत ने बीते चार मई को सुनवाई के दौरान हेमंत सोरेन और ईडी की ओर से लगभग एक घंटे से ज्यादा समय तक हुई बहस के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की जमानत याचिका पर दोनों पक्षों की ओर से लगभग एक घंटे से ज्यादा समय तक दलीलें चली थीं। ईडी की ओर से हेमंत सोरेन की दलीलों का पुरजोर विरोध किया था।
बताते चलें कि, जेल में बंद पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अधिवक्ता के माध्यम से 15 अप्रैल को जमानत याचिका दाखिल की थी। इस केस के प्रमुख आरोपित पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और बड़गाईं अंचल के हल्का कर्मचारी भानु प्रताप फिलहाल बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में न्यायिक हिरासत में बंद हैं। हेमंत सोरेन को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 30 जनवरी की रात इस्तीफा देने के बाद गिरफ्तार कर लिया था।
बता दें कि, झामुमो के वरिष्ठ नेता सोरेन पर आरोप है कि उन्होंने राज्य सरकार के कुछ अधिकारियों और अन्य लोगों की मदद से रांची में 8.86 एकड़ जमीन अवैध रूप से हासिल की थी।
एक अलग घटनाक्रम में विशेष अदालत ने राज्य के ग्रामीण विकास मंत्री आलमगीर आलम के पूर्व निजी सचिव संजीव कुमार लाल और उनके घरेलू सहायक जहांगीर आलम की ईडी रिमांड भी पांच दिनों के लिए बढ़ा दी है। ईडी ने दोनों को मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत गिरफ्तार किया था।