Jharkhand: पलामू की धरती से पीएम मोदी ने किया ये बड़ा एलान

झारखंड
Spread the love

लामू। झारखंड के दो दिवसीय दौरे के दौरान शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पलामू पहुंचे, जहां उन्होंने आदिवासियों के लिए बड़ा एलान किया। पीएम मोदी ने कहा कि बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती देश के हर कोने में मनायी जाएगी।

मैं देश का पहला प्रधानमंत्री हूं, जिन्होंने भगवान बिरसा के गांव का दौरा किया। वहां की मिट्टी को मुझे अपने माथे पर लगाने का सौभाग्य मिला। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने हमेशा आदिवासी हितों को सर्वोपरि रखा।

प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि मैंने भगवान बिरसा मुंडा की जन्मस्थली से पीएम जन योजना का लाभ दिया। इस योजना से वे लोग लान्भवित हुए, जो आदिवासी समाज में सबसे पिछड़े हैं। मौके पर उन्होंने 13 मई को बीजेपी प्रत्याशी बीडी राम के पक्ष में मतदान करने की अपील की।

उन्होंने कहा कि उस दिन जब वोट देने जाएं, तो कमल फूल के निशान पर अपना बटन दबाएं। उन्होंने पलामू से भाजपा प्रत्याशी की तारीफ करते हुए कहा कि बीडी राम बड़े सरल व्यक्ति हैं। देश को ऐसे लोगों की जरूरत है। जब मैं दिल्ली में किसी से इनका परिचय कराता हूं, तो लोग विश्वास ही नहीं करते कि ये डीजीपी रह चुके हैं।

पीएम मोदी ने झामुमो-कांग्रेस पर जमकर हमला भी बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस-झामुमो अपने बच्चे के लिए काली कमाई कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह सब कुछ अपने बच्चों के लिए अर्जित कर रहे हैं।

ये काली कमाई छोड़कर जायेंगे। लेकिन मोदी के आगे पीछे कोई नहीं है। मेरे असली वारिस तो आप हैं। आपके नाती-पोते मेरी वारिस हैं। मेरी इच्छा है कि मैं आपको विरासत में आपके बच्चों के लिए विकसित भारत देकर जाऊं।

पीएम मोदी ने आगे कहा कि आपका अच्छा जीवन हो इसके लिए मैं लगातार काम कर रहा हूं। मेरे जीवन को आप भली भांति जानते हैं। मैंने गरीबी को जिया है। गरीबी बहुत तकलीफ वाली होती है।

उन दिनों को जब मैं याद करता हूं तो मेरे आंखों में आंसू आ जाती है। और आंसू उसी की निकल सकती है, जिसने गरीबी देखी है। जिसने मां को धुआं में खांसते नहीं देखा, वे आपके आंसू नहीं समझ सकता है।

पीएम मोदी पलामू का जिक्र करना नहीं भूले। उन्होंने कहा कि पहले इस जिले के लोगों को पिछड़ा जिला कहकर अपमानित किया जाता था। यहां पर कोई अफसर आना नहीं चाहता था। लेकिन मैंने इस पिछड़े जिले को आकांक्षी जिला बनाया। दिल्ली में कांग्रेस और उनके सहयोगी दलों के नेताओं से पूछ लीजिए, तो उन्हें पता नहीं होगा कि पलामू कहां है।