सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव और बालकृष्ण को दी चेतावनी, कहा- गंभीर परिणाम के लिए तैयार रहें

नई दिल्ली देश
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नई दिल्ली। आज (मंगलवार) योग गुरु बाबा रामदेव पतंजलि के झूठे विज्ञापन मामले में सुनवाई के दौरान पेश हुए। इसके अलावा पतंजलि आयुर्वेद के एमडी आचार्य बालकृष्ण भी देश की शीर्ष अदालत में हाजिर हुए। और कोर्ट ने दोनों को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि कोर्ट को गंभीरता से लें। कानून की महिमा सबसे ऊपर है और आपने सारी सीमाएं लांघ दीं। कोर्ट ने पिछली सुनवाई में दोनों को अवमानना नोटिस जारी करते हुए कोर्ट में पेश होने को कहा था।

बताते चलें कि, पतंजलि आयुर्वेद के भ्रामक विज्ञापनों के मामले में दायर याचिका पर नवंबर 2023 से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। यह सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस हिमा कोहली और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने की।

कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार से भी पूछा कि केंद्र की सलाह के बाद क्या कदम उठाया गया? सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव को हलफनामा दाखिल करने के लिए आखिरी मौका दिया। सुप्रीम कोर्ट 10 अप्रैल को मामले की सुनवाई करेगा। अगली सुनवाई पर बालकृष्ण और रामदेव को पेश होना होगा।

सुप्रीम कोर्ट, पतंजलि की तरफ से दिए गए जवाब से संतुष्ट नहीं दिखा और कंपनी के रवैये पर नाराजगी जताई। बता दें कि रामदेव के वकील ने सुप्रीम कोर्ट से हाथ जोड़कर माफी मांगी। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस हिमा कोहली ने कहा कि हमें हैरानी है कि इतना सब कुछ होने के बावजूद केंद्र सरकार ने अपनी आंखें क्यों बंद रखीं।

सबसे पहले कोर्ट ने पूछा कि क्या रामदेव और पतंजलि दोनों कोर्ट में आए हैं? इसके बाद कोर्ट ने कहा कि अगर हां, तो हम जरूरत के मुताबिक उन्हें बुलाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि रामदेव का हलफनामा कहां है? कोर्ट ने कहा कि पतंजलि और बालकृष्ण की तरफ से हलफनामा दाखिल हुआ है।

कोर्ट ने आगे कहा कि इनको दो हलफनामे दाखिल करने चाहिए थे। लेकिन एक ही किया गया है और दूसरा हलफनामा दाखिल नहीं हुआ है।

अवमानना नोटिस को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमने पहले कंपनी और एमडी को जवाब दाखिल करने को कहा था। जब जवाब नहीं दाखिल किया गया तब अवमानना नोटिस जारी किया। बालकृष्ण के वकील से उनका एफिडेविट पढ़ने को कहा।

इसके बाद कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि आपकी माफी काफी नहीं है। जब सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही थी और पतंजलि विज्ञापन छापे जा रही थी। सुप्रीम कोर्ट -अदालत के आदेशों को हल्के में नहीं लिया जा सकता। देश सेवा का बहाना मत बनाइये, अदालत को गंभीरता से लें।

सुप्रीम कोर्ट ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि आपकी ओर से आश्वासन दिया गया और उसके बाद उल्लंघन किया गया। यह देश की सबसे बड़ी अदालत की तौहीन है और अब आप माफी मांग रहे हैं। यह हमें स्वीकार नहीं है। आपने एक्ट का उलंघन कैसे किया? आपने कोर्ट को अंडरटेकिंग देने के बाद भी उल्लंघन किया। आप परिणाम के लिए तैयार हो जाएं।

सुप्रीम कोर्ट ने रामदेव पर टिप्पणी करते हुए कहा कि आप चाहें कितने ऊंचे हों, क्या आप कानून से ऊपर हैं? कानून की महिमा सबसे ऊपर है। बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण दर्शक दीर्घा से आकर कोर्ट के सामने खड़े हुए।

कोर्ट ने कहा कि जिस हलफनामे के जरिए माफी मांगने या खेद जताने की बात कही जा रही है वो अब तक हमें नहीं मिला है। सुप्रीम कोर्ट ने बाबा रामदेव और बालकृष्ण को चेतावनी दी की वो गलत हलफनामे दाखिल करने को लेकर कोर्ट की कार्रवाई का सामना करने को लेकर भी तैयार रहें।

सुप्रीम कोर्ट ने हलफनामे में गलती बताते हुए कहा कि ये परजूरी केस है। रामदेव के वकील को कहा कि आपने हलफनामे में सही तथ्य नहीं रखे। अवमानना के अलावा कोर्ट में झूठा हलफनामा देने का केस भी चलाएंगे।