जम्मू-कश्मीर। लोकसभा चुनाव 2024 का बिगुल बज चुका है। जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती भी सियासी मैदान में उतर गयी हैं। पीडीपी द्वारा घोषित प्रत्याशियों की लिस्ट के मुताबिक पूर्व सीएम अनंतनाग राजौरी सीट से चुनाव लड़ेंगी।
बताते चलें कि, यह वही सीट है, जहां से पूर्व कांग्रेस नेता और डेमोक्रैटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद भी चुनावी मैदान में हैं। महबूबा मुफ्ती पहले भी अनंतनाग सीट से सांसद रह चुकी हैं।
पीडीपी ने श्रीनगर सीट से युवा नेता मोहम्मद वहीद पारा और बारामूला से बयाज अहमद भट्ट को चुनाव लड़ाने का फैसला किया है। अनंतनाग राजौरी लोकसभा सीट से नेशनल कॉन्फ्रेंस ने मिया अल्ताफ को चुनावी मैदान में उतारने का एलान किया है।
महबूबा मुफ्ती ने नेशनल कॉन्फ्रेंस को लेकर कहा कि बिना किसी सलाह के पार्टी ने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं, जिसके चलते वे निराश थीं। इसी लिए इस चुनाव में हम उन्हें अपनी ताकत दिखाएंगे। उन्होंने अनंतनाग और राजौरी पुंछ के लोगों से कहा कि वह पीडीपी को मजबूत करें और जम्मू-कश्मीर के मुद्दों को लोकसभा में उठाने के लिए उन्हें अवसर दें।
अनंतनाग सीट की बात करें, तो यह सीट कुलगाम और शोपियां जिले के 11 और राजौरी पुछ जिले की 7 विधानसभा सीटों को जोड़कर बनी है। यहां से नेशनल कॉन्फ्रेंस ने अपने सांसद हसनैन मसूदी का काटकर गुज्जर नेता के मिया अल्ताफ पर दांव लगाया है।
इस सीट पर सभी राजनीतिक दलों की नजर है। पहाड़ी, गुज्जर, हिंदू और मुस्लिम वोटर्स हैं। ऐसे में माना जा रहा है। इस सीट पर नेशनल कॉन्फ्रेंस और पीडीपी के बीच मुस्लिम वोट बंट सकता है। ऐसे में जीत हार का फैसला करने में सबसे अहम पहाड़ी और गुज्जर वोटर्स साबित हो सकते हैं।
इस सीट के मुद्दों की बात करें, तो पहाड़ियों को एसटी का दर्जा मिलना और गुज्जर बकरवालों को मिल रहे आरक्षण में कोई कटौती न होना काफी अहम हो गया है, जिसके चलते दोनों ही गुटों का एक बड़ा वर्ग बीजेपी के पक्ष में जा चुका है। ऐसे में इस सीट पर मुकाबला त्रिकोणीय नहीं, बल्कि चतुष्कोणीय हो गया है।
ऐसे में महबूबा मुफ्ती के लिए अनंतनाग और राजौरी की यह सीट निकालना गुलाम नबी आजाद के चलते आसान नहीं रह गया है और चारों ही प्रत्याशियों के बीच बड़ी टक्कर हो सकती है।