रांची। राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन सरहुल पर्व के अवसर पर रांची विश्वविद्यालय के जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषा विभाग के तत्वावधान में 11 अप्रैल को आयोजित ‘सरहुल महोत्सव’ में शामिल हुए। इस अवसर पर राज्यपाल ने समस्त राज्यवासियों को सरहुल को हार्दिक बधाई दी। मांदर भी बजाया।
राज्यपाल ने कहा कि मानव एवं प्रकृति का अन्योन्याश्रय संबंध है। सरहुल का वास्तविक अर्थ वृक्षों एवं प्रकृति की पूजा करना है। इस पर्व में यह संदेश निहित है कि प्रकृति के बिना मानवजाति का अस्तित्व नहीं है।
राज्यपाल ने कहा कि सरहुल हमारे राज्य के अहम त्योहारों में से एक है, जिसे देश के अन्य हिस्सों में भी बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह पर्व जनजाति समुदाय तक ही सीमित नहीं है। इसे सभी समुदाय के लोग पूर्ण उमंग के साथ मनाते हैं। यह उत्सव सभी के मध्य आपसी भाईचारे के भावना को और सुदृढ़ करता है।
राज्यपाल ने कहा कि सरहुल मानवजाति को प्रकृति की रक्षा करने का संदेश देता है। आज जहां पूरी दुनिया ग्लोबल वार्मिंग की चुनौती का सामना कर रहा है, वहीं सरहुल जैसे पर्व के संदेश अत्यंत सार्थक है। उन्होंने सभी को आगामी पर्व ‘रामनवमी’ की बधाई व शुभकामनाएं दी।
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