सीसीएल 2026 तक लगाएगा 425 मेगावाट सोलर पावर प्लांट

झारखंड
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  • इको फ्रेंडली और सस्टेनेबल माइनिंग के लिए प्रतिबद्ध कंपनी

रांची। झारखंड स्थित कोल इंडिया की सहायक कंपनी सीसीएल राष्ट्र की ऊर्जा सुरक्षा के लिए संकल्पित है। कंपनी ने हाल ही में वित्तीय वर्ष 2023-2024 के लिए निर्धारित 84 मिलियन टन के वार्षिक उत्पादन लक्ष्य को पार कर 86.01 मिलियन टन कोयल का उत्पादन किया है।

आठ जिलों में खनन

झारखंड के आठ जिलों में फैले कंपनी के खनन क्षेत्र में टिकाऊ एवं पर्यावरण अनुकूल खनन तरीकों पर जोर दिया जा रहा है। कंपनी विभिन्न आधुनिक तकनीकों एवं नवाचार का इस्तेमाल कर न कार्बन उत्सर्जन में कमी ला रही है। संसाधन और ऊर्जा की बचत भी कर रही है। कंपनी का उद्देश्य पर्यावरण और सामुदायिक विकास के लिए खनन को एक साधन के रूप में उपयोग करना है।

हेवी मशीनों का प्रयोग

सीसीएल में हेवी मशीनों का उपयोग कर उत्पादन क्षमता का विस्तार किया जा रहा है। कंपनी कार्बन उत्सर्जन में भी भारी कमी लाने का सार्थक और सफल प्रयास कर रही है। इसमें सरफेस माइनर, ड्रैगलाइन इत्यादि मशीनें महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। सरफेस माइनर के प्रयोग से ब्लास्टिंग, क्रशिंग इत्यादि की आवश्यकता नहीं रहती। इससे पर्यावरण पर बुरे प्रभाव में कमी आती है।

कॉल हैंडलिंग प्लांट

फर्स्ट माइल रेल कनेक्टिविटी की दिशा में कोल हैंडलिंग प्लांट एक महत्वपूर्ण कड़ी है। इससे सीसीएल की कोयला खदानों से उत्पादित कोयले को निकटतम रेलवे सर्किट तक ले जाया जाता है। इसके फलस्वरूप कोयला को देश भर में ताप विद्युत संयंत्रों और अन्य उपभोक्ताओं तक आसानी से कम समय में पहुंचाने में मदद मिलती है। पूर्व में इन खानों से कोयला टिपर द्वारा सड़क मार्ग से रेलवे साइडिंग तक लाया जाता है।

इस संयत्र में रिसीविंग हॉपर, क्रशर, कोयला भंडारण बंकर और कन्वेयर बेल्ट सम्मिलित हैं, जिनकी सहायता से कोयले को साइलो बंकर द्वारा रेलवे वैगनों में स्थानांतरित किया जाएगा। इस प्लांट के आरंभ हो जाने से सड़क मार्ग से कोयले का यातायात कम होगा। इससे धूल जनित प्रदूषण न्यून हो जायेगा।

मोबाइल स्प्रिंकलर

खनन क्षेत्रों में कंपनी धूल के कणों को नियंत्रित करने के लिए मोबाइल स्प्रिंकलर का उपयोग कर रही है। लगभग सभी खुली खदानों में बड़ी क्षमता वाले मोबाइल स्प्रिंकलर हैं। 28 किलोलीटर क्षमता के 61 मोबाइल स्प्रिंकलर तैनात किए गए हैं। सीसीएल ने वर्तमान में केवल मिस्ट टाइप के स्प्रिंकलर खरीदने की पहल की है, जो तकनीकी रूप से सामान्य स्प्रिंकलर से बेहतर हैं। इसी प्रकार, धूल नियंत्रण के लिए 27 ट्रॉली माउंटेड फॉग कैनन तैनात किए गए हैं।

सोलर पावर प्‍लांट

सीसीएल ने नेट जीरो कार्बन एमिशन के लिए 2026 तक 425 मेगावाट सोलर पावर प्लांट बनाने का लक्ष्य है। इसमें 20 मेगावाट सोलर प्लांट पिपरवार क्षेत्र में बन रहा है। हरित आवरण वृद्धि के लिए सीसीएल द्वारा वर्ष 2023 में 231 हेक्टेयर से अधिक भूमि में पौधरोपण किया गया है। एक नई पहल के रूप में रजरप्पा क्षेत्र में मियावाकी विधि से पौधरोपण किया गया है।

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