बड़े पैमाने पर सरकारी दवाएं फेंके जाने के बीते 19 दिन, नहीं मिला कोई सुराग

झारखंड
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विवेक चौबे

गढ़वा। बड़े पैमाने पर सरकारी दवाएं फेंके जाने के 19 दिन बीत गए। इसके बाद भी सुराग के नाम पर विभाग व प्रशासन के हाथ खाली हैं। आखिर लाखों रुपए की दवाएं किस सेंटर या स्टोर में उपलब्ध थीं। इसे क्‍यों फेंक दिया गया। यह बताने के लिए कोई तैयार नहीं है। जांच एक कदम भी आगे नहीं बढ़ा है। इस मामले में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री का निर्देश भी बेअसर हो चुका है।

फेंकी गई ये दवाएं

बताते चलें कि कांडी प्रखंड अंतर्गत सतबहिनी गेट से राजा घटहुआं गांव के रास्ते में 16 मार्च की सुबह एक ट्रैक्टर से अधिक दवाएं गड्ढे में फेंकी हुई पाई गईं थीं। इनमें कीड़ा की दवा एल्बेंडाजोल और आयरन की गोली फोलिक एसिड शामिल थीं। इनमें 75 – 80 फीसदी दवाओं की एक्सपायरी नवंबर 2024 से लेकर 2026 तक थी। मात्र 20 – 25 फीसदी एक्सपायर दवाएं थीं।

थाना में मामला दर्ज

सूचना मिलने पर कांडी थाना प्रभारी गुलशन कुमार गौतम दवाएं जब्त कर ट्रैक्टर व अपनी गाड़ी पर लोड कर थाना ले गए। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने संज्ञान लेते हुए डीसी को कमेटी गठित कर जांच व कार्रवाई का निर्देश दिया। सिविल सर्जन डॉ अशोक कुमार व एलआरडीसी रवीश राज ने थाना जाकर दवाओं की जांच की। डीसी शेखर जमुआर के निर्देश पर थाना कांड संख्या 26/24 के तहत एफआईआर किया गया। उसके बाद यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया। अब कहीं चर्चा तक नहीं हो रही।

क्या कहते हैं सीएस

इस संबंध में सिविल सर्जन सह मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार ने कहा कि मामले को लेकर एफआईआर कर दिया गया है। आगे की कार्रवाई पुलिस को करनी है।

थाना प्रभारी ने कहा

थाना प्रभारी गुलशन कुमार गौतम ने कहा कि इस गंभीर मामले को उन्होंने अपने प्रभार में लिया है। चुनाव के चलते कार्य व्यस्तता के कारण अग्रेतर कार्रवाई के लिए समय नहीं मिल पा रहा है। इसमें जांच व कार्रवाई की जाएगी।

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