जमशेदपुर। राष्ट्रीय सनातन सिख सभा एवं बारीडीह गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान अधिवक्ता कुलविंदर सिंह ने राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन सरदार इकबाल सिंह लालपुरा आईपीएस से आग्रह किया है कि वे राष्ट्रीय स्तर पर अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा करने का संवैधानिक कार्य करें।
पत्रकार एवं अधिवक्ता कुलविंदर सिंह के अनुसार महाराष्ट्र की शिवसेना नीत एकनाथ शिंदे की सरकार ने सिखों के बड़े धार्मिक पीठ तख्त श्री हजूर साहिब का प्रशासक एक गैर सिख आईएएस पदाधिकारी को मनोनीत किया है।
कुलविंदर सिंह के अनुसार कार्यकाल खत्म होने पर पूर्व आईपीएस पदाधिकारी पसरिचा को हटाकर प्रशासक की जिम्मेदारी नांदेड के जिलाधिकारी अभिजीत राजेंद्र राउत आईएएस को दी है।
कुलविंदर सिंह के अनुसार जब शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी अध्यक्ष राजस्थानी एवं भारतीय जनता पार्टी नेता और पूर्व मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने भी जब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के समक्ष अपनी चिंता जाहिर की है, तो राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग खामोश क्यों है?
कुलविंदर सिंह के अनुसार पंजाब आप सरकार के मुखिया सरदार भगवंत मान ने भी मनमानी करते हुए सिखों के धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप किया है। सिखों के सुप्रीम धार्मिक स्थल श्री स्वर्ण मंदिर दरबार साहिब के लाइव प्रसारण को लेकर कानून बनाया है, जो सीधे धार्मिक हमला है।
कुलविंदर सिंह के अनुसार चेयरमैन खुद अमृतधारी हैं और वे भलीभांति जानते हैं कि पंथिक मर्यादा, पवित्रता और व्यवस्था में सिख की क्या भूमिका है।
उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महत्वपूर्ण संवैधानिक जिम्मेदारी दी है और इसका उन्हें ईमानदारी से निर्वहन करना चाहिए। वे जितने सक्रिय रहेंगे और हितों की रक्षा करेंगे। इसका श्रेय निश्चित रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं उनकी भारतीय जनता पार्टी को जाएगा।