प्राकृतिक आपदाओं को रोकने में समाज का सहयोग भी जरूरी : प्रो. सिन्‍हा

झारखंड
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  • सरला बिरला विश्वविद्यालय में संवादात्मक सत्र आयोजित

रांची। सरला बिरला विश्वविद्यालय में ‘जलवायु परिवर्तन और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस’ पर संवादात्मक सत्र का 1 मार्च को आयोजन किया गया। इस सत्र में यूएसए स्थित वर्जिनिया टेक विश्वविद्यालय के डिपार्टमेंट ऑफ़ सिविल एंड एनवायरमेंट इंजीनियरिंग के प्रो. सुनील सिन्हा विश्वविद्यालय के शिक्षकों और अधिकारियों से रूबरू हुए।

प्रो. सिन्हा ने प्राकृतिक आपदाओं की चर्चा करते हुए इसके परिणामों के विषय में विचार करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इसकी रोकथाम से लेकर इसके बाद होनेवाले पुनर्निर्माण पर बेहिसाब खर्च हो रहे हैं। हालांकि, इसे रोकने के लिए महज तकनीक ही कारगर नहीं हो सकती, बल्कि इसमें समाज का सहयोग भी जरूरी हो जाता है। उन्होंने आपदाओं की चेतावनी प्रणाली में एआई के महत्व के विषय में विस्तार से बताया।

कुलपति प्रो गोपाल पाठक ने जलवायु परिवर्तन की चर्चा करते हुए क्लाइमेट चेंज असेसमेंट रिपोर्ट 2023 की बात की। इसकी भयावहता के विषय में अवगत करवाया।

विवि के प्रतिकुलाधिपति बिजय कुमार दलान और मुख्य कार्यकारी पदाधिकारी डॉ. प्रदीप कुमार वर्मा ने इस आयोजन के लिए अपनी शुभकामनाएं प्रेषित की।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. आरोही आनंद ने किया। इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. विजय कुमार सिंह, डीन डॉ नीलिमा पाठक, डॉ पंकज गोस्वामी, डॉ संदीप कुमार, डॉ हरि बाबू शुक्ला समेत कई अन्य उपस्थित थे।

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