नई दिल्ली। बड़ी खबर बिहार से आ रही है। जिस बात का अंदेशा था, वह सही साबित हुई। बिहार में सीट बंटवारे को लेकर नाराज चल रहे केंद्रीय मंत्री और राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (रालोजपा) प्रमुख पशुपति कुमार पारस ने आज यानी मंगलवार को केंद्रीय मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया।
हालांकि एनडीए छोड़ने पर उन्होंने कोई भी टिप्पणी नहीं की। पशुपति पारस ने दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि, मेरे और मेरी पार्टी के साथ नाइंसाफी हुई। मुझे एक भी सीट नहीं दी गई है। उन्होंने केंद्रीय मंत्रिपरिषद से इस्तीफा दे दिया है।
पशुपति पारस मोदी सरकार में खाद्य और प्रसंस्करण मंत्री थे। इसके साथ ही शाम को चार बजे पारस दिल्ली से पटना के लिए रवाना होंगे। सूत्रों के मुताबिक पशुपति पारस और उनके पार्टी के नेता राजद के संपर्क में हैं। हालांकि, यहां भी बात बनने की संभवाना बेहद कम है।
इस्तीफे के बाद मीडिया से बातचीत के क्रम में पशुपति पारस ने कहा कि सोमवार को एनडीए में सीटों का बंटवारा हो गया। मैंने पांच-छह दिन पहले कहा था कि मैं तब तक इंतजार करूंगा, जब तक एनडीए की सीटों की घोषणा आधिकारिक तौर पर ना हो जाए।
पशुपति ने आगे कहा कि उन्होंने ईमानदारी से एनडीए की सेवा की। आज भी वह पीएम मोदी के शुक्रगुजार हैं, लेकिन हमारी पार्टी और व्यक्तिगत रूप से हमारे साथ ना इंसाफी हुई। उन्होंने कहा कि इसलिए उन्होंने केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया है।
दरअसल, एनडीए सीट बंटवारे को लेकर हुए समझौते में राजग में शामिल केंद्रीय मंत्री पशुपति पारस के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी के दावे को नजरअंदाज किया गया है। एनडीए में उसे एक भी सीट नहीं दी गई है। यहां भाजपा मुख्यालय में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दलों के संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए भाजपा महासचिव व बिहार मामलों के प्रभारी विनोद तावड़े ने यह घोषणा की थी।
बता दें कि, बिहार में बीजेपी 17, जेडीयू 16 और चिराग पासवान की पार्टी एलजेपी (आर) को 5 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। वहीं जीतनराम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी को एक-एक सीट दी गई है। एनडीए में शामिल एलजेपी के पशुपति पारस गुट को एक भी सीट नहीं दी गई है। लोकसभा चुनाव 2019 में भाजपा, जद(यू) और लोजपा को संयुक्त रूप से 39 सीट पर जीत मिली थी। राज्य में राजग का मत प्रतिशत 53 से अधिक था, जो विपक्षी ‘महागठबंधन’ को मिले मतों से लगभग 20 प्रतिशत ज्यादा था।