पंजाब। जेल में बंद दुष्कर्मी राम रहीम की मुश्किलें अब बढ़ने वाली है। पत्रकार की हत्या और दो महिला शिष्यों के दुष्कर्म मामले में सजा काट रहे डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीह राम रहीम को पैरोल देने के मामले में पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने सख्ती दिखाई है।
उच्च न्यायालय ने गुरुवार को हरियाणा सरकार से कहा कि वह उच्च न्यायालय की अनुमति के बिना राम रहीम को पैरोल देने पर विचार न करें। पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश जीएस संधवालिया और न्यायमूर्ति लापिता बनर्जी की पीठ ने राम रहीम को बार-बार पैरोल देने के लिए राज्य सरकार की आलोचना की।
उच्च न्यायालय की पीठ ने कहा कि 29 जनवरी, 2023 से हाईकोर्ट के समक्ष मामला लंबित होने के बाद भी हरियाणा सरकार ने पैरोल देने का विकल्प चुना, यह बहुत निंदनीय है। अदालत राम रहीम को दी गई लगातार पैरोल के खिलाफ शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति (एसजीपीसी) द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही थी। बता दें कि, राम रहीम 2002 में सिरसा के डेरा परिसर में दो महिला शिष्यों से दुष्कर्म के आरोप में सजा काट रहा है।