मध्य प्रदेश। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम भोजशाला/कमल मौला मस्जिद का सर्वे कर रही है। इस बीच इसे लेकर पूर्व एएसआई निदेशक केके मोहम्मद का बड़ा बयान सामने आया है।
एएसआई की एक टीम 26 मार्च को धार में भोजशाला परिसर पहुंच चुकी है। एएसआई ने 22 मार्च को भोजशाला परिसर का पुरातात्विक सर्वेक्षण शुरू किया है।
जानकारी हो कि पूर्व एएसआई निदेशक केके मोहम्मद ने राम जन्मभूमि के संबंध में हिंदू मंदिरों जैसे शिलालेख वाले 12 स्तंभों जैसे महत्वपूर्ण निष्कर्ष निकाले थे। इसके आधार पर ही सुप्रीम कोर्ट ने राम जन्मभूमि को लेकर अपना फैसला दिया था।
पूर्व एएसआई निदेशक केके मोहम्मद का कहना है कि भोजशाला/कमल मौला मस्जिद एक सरस्वती मंदिर था। बाद में इसे इस्लामी पूजा स्थल में बदल दिया गया।
मोहम्मद ने कहा, ‘मुसलमानों को काशी और मथुरा को लेकर हिंदुओं की भावनाओं को भी समझना चाहिए। उन्हें (मस्जिदों को) कहीं और स्थानांतरित किया जा सकता है।’
पूर्व एएसआई निदेशक ने कहा, ‘मथुरा और काशी हिंदुओं के लिए उतने ही महत्वपूर्ण हैं जितने मुसलमानों के लिए मक्का और मदीना हैं। मुसलमानों के मन में यहां बनी मस्जिदों के प्रति कोई भावना नहीं है।’
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