- बात नहीं मानी गई तो करेंगे आंदोलन : निरंजन भारती
रांची। नवगठित फिल्म विकास परिषद का झारखंड में आदिवासी मूलवासी नेताओं ने विरोध किया है। इसे अविलंब रद्द करने की मांग की है। बुधवार को करमटोली स्थित धुमकुडिया भवन में मीडिया से कहा कि नवगठित फिल्म विकास परिषद में जिन नये सदस्यों को शामिल किया गया है, उसमें आदिवासी कलाकारों को दरकिनार किया गया है। पुनः आदिवासियों को लेकर नव गठित फिल्म विकास परिषद की बनाई जाए। यदि ऐसा नहीं होता है तो मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपेंगे।
नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री से झारखंड के सभी पुराने और जुझारू कलाकारों सहित राज्य के सादरी, नागपुरी, मुंडा, हो, संथाली, खोरठा, पंच परगनिया आदि क्षेत्रों के फिल्म से जुड़े फिल्मकारों को मौका देकर नव गठित फिल्म विकास परिषद का सदस्य बनाने की मांग करेंगे। यदि ऐसा नहीं होगा तो विरोध शुरू होगा।
फिल्म मेकर निरंजन भारती ने कहा कि नव गठित फिल्म विकास परिषद के सदस्यों के चयन का विरोध करते है। राज्य सरकार ने झारखंड फिल्म उद्योग के कलाकारों के साथ बहुत बड़ा धोखा किया है। कई फिल्मी कलाकारों को इस परिषद में जगह नहीं दी गई है। इससे फिल्मी कलाकारों में भारी आक्रोश है। खासतौर पर क्षेत्रीय कलाकार अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं। राज्य सरकार फिल्म विकास परिषद को तुरंत रद्द करें।
मौके पर सरना सदान मूलवासी मंच के संस्थापक कुमोद वर्मा, कार्यकारी अध्यक्ष सूरज टोप्पो, केंद्रीय सरना समिति के केंद्रीय अध्यक्ष बबलू मुंडा, फिल्म निर्देशक युवा पत्रकार निरंजन भारती, अमित मुंडा, सोनू मुंडा, मिथिलेश नायक, अनिल उरांव, विकी करमाली, मोहन तिर्की, पवन महतो सहित कई आदिवासी व मूलवासी नेता उपस्थित थे।
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