- कोल इंडिया की तीन सीएसआर पहलों का भी उद्घाटन
रांची। केन्द्रीय कोयला, खान और संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने सीएमपीएफओ के वेब पोर्टल ‘सी-केयर्स’ लॉन्च किया। इलेक्ट्रानिक और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अनुसंधान एवं विकास संगठन सेंटर फार डेवलपमेंट ऑफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग (सीडीएसी) ने इसे विकसित और डिजाइन किया है। यह पोर्टल सीएमपीएफओ की डिजिटलीकरण यात्रा में एक महत्वपूर्ण छलांग है। इसका लक्ष्य अपने रिकार्ड और कार्य प्रक्रियाओं को डिजिटल बनाने के लंबे समय से चले आ रहे मुद्दे को सम्बोधित/समाधान करना है।
सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना उद्देश्य
कोयला खान भविष्य निधि संगठन (सीएमपीएफओ) कोयला मंत्रालय के तत्वावधान में कोयला क्षेत्र के श्रमिकों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से भविष्य निधि और पेंशन योजनाओं के संचालन के लिए वर्ष 1948 में स्थापित एक स्वायत्त संगठन है। संगठन वर्तमान में कोयला क्षेत्र के लगभग 3.3 लाख भविष्य निधि अंशदाताओं और 6.1 लाख पेंशनभोगियों को सेवाएं प्रदान कर रहा है।
पेंशन दावों का ऑनलाइन निपटान
वर्तमान में सीएमपीएफओ भविष्य निधि ग्राहकों और पेंशनभोगियों के दावों का निपटान मैन्युअल रूप से करता है। पोर्टल के लॉन्च के साथ पीएफ और पेंशन दावों का निपटान अब ऑनलाइन प्रोसेस और निपटान किया जाएगा। इससे मामले को निपटाने में तेजी, संचालन में पारदर्शिता, बेहतर रिकार्ड प्रबंधन और निगरानी की सुविधा मिलेगी। इससे अंशदाताओं और पेंशनभोगियों में भी विश्वास पैदा होगा।
प्रोसेसिंग समय में कमी आएगी
मार्च, 2023 में सीडीएसी को सौंपी गई परियोजना परिचालन और सॉफ्टवेयर मुद्दों से निपटने के लिए एक व्यापक समाधान फ्रेमवर्क है। पोर्टल, सी-केयर्स, सीएमपीएफ अंशदाताओं और कोयला कंपनियों को लॉगिन करने और उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप विभिन्न कार्य करने की अनुमति देगा। यहां अंशदाता अपने व्यक्तिगत विवरण और सदस्यता स्थिति तक पहुंच सकते हैं और देख सकते हैं। कोयला प्रबंधन पोर्टल के माध्यम से योगदान विवरण, अंशदाताओं के विवरण और ऑनलाइन निपटान एवं भुगतान के दावे प्रस्तुत कर सकता है। यह कागज रहित कामकाज, दावों का समय पर और सटीक निपटान, प्रोसेसिंग समय में कमी और शिकायत निवारण भी सुनिश्चित करेगा।
पेंशनभोगियों को लाभ पहुंचाना
एक सार्वजनिक सेवा मंच होने के नाते इस पोर्टल का उद्देश्य कोयला क्षेत्र में काम करने वाले सीएमपीएफ अंशदाताओं के साथ-साथ इसके पेंशनभोगियों को लाभ पहुंचाना है।
तीन योजनाओं का किया शुभारंभ
इसके अलावा केंद्रीय मंत्री जोशी ने एजुकेशनल कंसल्टेंट्स लिमिटेड (ईडीसीआईएल), नेशनल स्किल डेवलपमेंट कारपोरेशन (एनसीडीसी) और टाटा स्ट्राइव के सहयोग से कोल इंडिया लिमिटेड (सीआईएल) की निगमित सामाजिक दायित्व के रूप में की जा रही तीन सीएसआर परियोजनाओं का शुभारंभ किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ‘विकसित भारत’ और ‘डिजिटल भारत’ के दृष्टिकोण को पूरा करने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम का प्रतीक है। मौके पर कोयला मंत्रालय के सचिव अमृत लाल मीणा, अपर सचिव सुश्री रूपिंदर बराड़ और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।
200 स्कूलों का होगा लाभ
डिजिटल शिक्षा प्रदान करने के लिए कोल इंडिया और एजुकेशनल कंसल्टेंट्स इंडिया लिमिटेड के बीच हस्ताक्षरित समझौता ज्ञापन (एमओयू) का उद्देश्य कोयला धारक राज्यों में 12वीं कक्षा के स्कूलों तक स्मार्ट कक्षाओं और कंप्यूटर प्रयोगशाला के माध्यम से डिजिटल शिक्षा प्रदान करना है। अनुमान है कि 200 स्कूल लाभान्वित होंगे। इस सीएसआर पहल पर करीब 27 करोड़ 8 लाख रुपये व्यय होने का अनुमान है। सरकारी कोयला कंपनियों की सीएसआर पहल के तहत एक हजार स्मार्ट क्लासरूम पहले ही सुसज्जित किए जा चुके हैं।
सीसीएल-बीसीसीएल में चालू होगा
कोलफील्ड के आसपास के समुदायों के युवाओं को कौशल प्रदान करने के लिए कोल इंडिया ने अपनी प्रत्येक सहायक कंम्पनियों में बहु-कुशल विकास संस्थान स्थापित करने के लिए राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया है। इसका व्यापक उद्देश्य युवाओं को बेसलाइन सर्वे और बाजार की आवश्यकताओं के आधार पर अपेक्षित कौशल से लैस करना है। बहु-कौशल विकास संस्थान वर्ष 2024-25 में पायलट आधार पर सीसीएल और बीसीसीएल में चालू किए जाएंगे। बाद में कोल इंडिया की अन्य सहायक कंपनियों में बढ़ाए जाएंगे।
655 बेरोजगार युवाओं को लाभ
कोयला खदानों के परिधीय क्षेत्र में 655 बेरोजगार युवाओं को लाभकारी रोजगार सुनिश्चित करने के लिए कोल इंडिया ने टाटा स्ट्राइव के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। इसमें चार केंद्रों-नागपुर, वाराणसी, कामरूप-असम और छिंदवाड़ा में सहायक इलेक्ट्रिशियन, कामिस शेफ, एफएंडबी स्टीवर्ड, हाउसकीपिंग और फ्रंट आफिस सहयोगियों के क्षेत्र में प्रशिक्षण शामिल होगा। इसी तर्ज पर टाटा स्ट्राइव के साथ चलाए गए एक पायलट प्रोग्राम में प्रशिक्षुओं को सौ फीसदी रोजगार का आश्वासन दिया गया। इस अवसर पर केन्द्रीय कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी ने भारत के विकास और समुदायों को सशक्त बनाने की दिशा में एक जिम्मेदार भागीदार होने के लिए कोल इंडिया की सराहना की।
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