रांची। झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा न्याय सदन में आयोजित जिला विधिक सेवा प्राधिकारों के चौथी राज्य स्तरीय प्रशिक्षण का समापन 11 फरवरी, 2024 को हो गया। इसमें सभी 24 जिला विधिक सेवा प्राधिकारों के अध्यक्ष एवं सचिवों ने भाग लिया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम पांच सत्र में संपन्न हुआ।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में मुख्य अतिथि झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश सह झालसा के कार्यपालक अध्यक्ष सुजीत नारायण प्रसाद, स्पीकर के रूप में उच्च न्यायालय के न्यायाधीश प्रदीप कुमार श्रीवास्तव और झारखंड उच्च न्यायालय के न्यायाधीश अरुण कुमार राय शामिल हुए।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में Resource Person के तौर पर I.G (Prison) मनोज प्रसाद, अध्यक्ष (कमर्शियल टैक्सेज ट्रिब्यूनल), नलिन कुमार, मुख्य सचिव, विधि विभाग, सेवानिवृत प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एस० एस० प्रसाद एवं फैजान अहमद (IA & AS Rtd. Sr. DAG) ने भाग लिया।
इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान न्यायाधीश एवं झालसा के कार्यपालक अध्यक्ष सुजीत नारायण प्रसाद ने कई सुझाव/दिशा निर्देश दिए गए।
गिरफ्तारी से पहले, गिरफ्तारी और रिमांड चरण पर कानूनी सेवाओं को मजबूत करना।
।. जिला विधिक सेवा प्राधिकार को पुलिस स्टेशनों पर कानूनी सहायता प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। एल०ए०डी०सी०एस० और पैनल वकीलों के संपर्क नंबर प्रत्येक पुलिस स्टेशन में उचित स्थानों पर दर्शाए जाने चाहिए।
2. प्रत्येक जेल में हर पखवाड़े विचाराधीन कैदियों और दोषियों को कानूनी सहायता प्रदान करने के लिए विशेष अभियान चलाया जाना चाहिए।
3. जिला विधिक सेवा प्राधिकार को उन दोषियों को कानूनी सहायता प्रदान करनी चाहिए, जो समय से पहले रिहाई के हकदार हैं। समयपूर्व रिहाई के बाद दोषियों को उचित परामर्श।
4. दोषियों के परिवार के सदस्यों को सहायता और उन्हें प्रत्येक सरकारी लाभकारी योजनाओं से जोड़ना।
विधिक सेवाएं
पारा लीगल वालंटियर : कानूनी जागरुकता कार्यक्रमों और आउटरीच अभियानों में पारा लीगल वालंटियर की सेवाओं का उचित उपयोग किया जाना। उन्हें लोक अदालत, राष्ट्रीय लोक अदालत, मध्यस्थता अभियान में शामिल किया जाना।
विधिक सहायता क्लिनिक : कानूनी सहायता क्लिनिक को NALSA/JHALSA के निर्देशों के अनुसार कार्य करना।
JHALSA गतिविधियां : JHALSA गतिविधि कैलेंडर की प्रत्येक गतिविधि का अक्षरशः पालन किया जाना।
कानूनी साक्षरता क्लब : कानूनी साक्षरता क्लबों के छात्रों को गुणवत्तापूर्ण कानूनी शिक्षा प्रदान किया जाना। पैनल वकील और अन्य प्रसिद्ध वक्ता कानूनी साक्षरता कक्षाओं में शामिल करना।
फ्रंट ऑफिस : यह प्रत्येक सुविधा से सुसज्जित होना चाहिए। इसे अनुभवी पैरा लीगल वालंटियर्स और पैनल वकीलों द्वारा संचालित किया जाना चाहिए।
15100 : जिला विधिक सेवा प्राधिकार को नालसा टोल फ्री नंबर 15100 के बारे में जागरुकता पर एक व्यापक अभियान चलाना।
पीड़ित मुआवजा : जिला विधिक सेवा प्राधिकार को पहल करना, ताकि पीड़ित को निर्धारित राशि जल्द से जल्द वितरित की जा सके।
JHALSA/NALSA परियोजना/योजनाएं : JHALSA/NALSA की प्रत्येक योजना के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार द्वारा प्राथमिकता अभियान चलाया जाना।
कानूनी सशक्तिकरण शिविर : कानूनी सशक्तिकरण शिविर को नालसा विधिक सेवा शिविर मॉड्यूल के अनुसार आयोजित किया जाना चाहिए। लाभार्थियों की पहचान होनी चाहिए। आदिम जनजातियों और हाशिये पर पड़े लोगों के उत्थान पर विशेष जोर दिया जाना।
अवांछनीय अभाव की परिस्थितियों में रह रहे व्यक्तियों को मुफ्त विधिक सहायता: जिला विधिक सेवा प्राधिकार को सड़क दुर्घटनाओं, प्राकृतिक और मानव निर्मित आपदाओं, जादू टोना की दिन-प्रतिदिन की घटनाओं के प्रति संवेदनशील होना।
मध्यस्थता: रेफरल कोर्ट द्वारा उचित ध्यान देते हुए कोर्ट मामलों का संदर्भ दिया जाना। मध्यस्थों का समुचित उपयोग किया जाना।
जिला विधिक सेवा प्राधिकार को वाणिज्यिक विवाद मामलों में प्री इंस्टीट्यूशन मध्यस्थता पर विशेष जागरूकता अभियान चलाना और वाणिज्यिक मामलों में प्री इंस्टीट्यूशन मध्यस्थता को बढाया जाना।
राष्ट्रीय लोक अदालत: मामलों की पहचान और उनकी सुलह-पूर्व बैठक। लंबित मामलों पर विशेष ध्यान दिया जाना।
जिला विधिक सेवा प्राधिकार को एन०आई० एक्ट मामले, मोटर दुर्घटना मामले, उपभोक्ता मामले आदि मामलों पर विशेष लोक अदालत आयोजित करना।
जेल अदालत को उन विचाराधीन कैदियों पर ध्यान केंद्रित करना जो रिहाई के हकदार हैं।
स्थाई लोक अदालत : जिला विधिक सेवा प्राधिकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि अध्यक्ष, स्थाई लोक अदालत सार्वजनिक उपयोगिता सेवाओं से संबंधित विभिन्न विभागों के साथ संपर्क करें और ब्लॉक/सबडिविजन स्तर पर शिविर बैठकें आयोजित करें ताकि सार्वजनिक उपयोगिता सेवाओं से संबंधित अधिक आवेदन प्राप्त हों।
जिला विधिक सेवा प्राधिकार को वित्तीय वर्ष 2023-24 के समापन तक विभिन्न मदों के तहत सभी निधियों का उपयोग करना चाहिए।
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