रांची। झारखंड के लातेहार और गुमला जिलों के 6 ब्लॉक के 41 गांवों में 625 महिलाएंर गरीबी से बाहर आई। द नज/इंस्टीट्यूट की पहल से परिवार गरीबी से बाहर आए। इस पहल के माध्यम से अत्यंत गरीब घरों की महिलाओं को सशक्त किया गया। इसमें विशेषरूप से वंचित जनजातीय समूहों की महिलाओं को प्राथमिकता दी गई। इन महिलाओं को 19 फरवरी, 2024 को राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने सम्मानित किया। कार्यक्रम का आयोजन रांची के मोरहाबादी स्थित आर्यभट्ट सभागार में किया गया था।
इस अवसर पर राज्यपाल ने कहा, ‘किसी कार्यक्रम को बड़े पैमाने पर क्रियान्वित करने और यह सुनिश्चित करने के लिए सरकार के साथ साझेदारी करना महत्वपूर्ण कदम है कि कार्यक्रम का लाभ अंतिम लाभार्थी तक पहुंच सके। द नज/इंस्टीट्यूट ने यह कार्य सफलतापूर्वक किया है। अभी राजस्थान, असम, त्रिपुरा, मेघालय, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, झारखंड और पंजाब में इस दिशा में प्रयासरत है। इन सभी राज्यों में इंस्टीट्यूट राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन, ग्रामीण विकास मंत्रालय के डीएवाई-एनआरएलएम और भारत सरकार के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय के साथ मिलकर काम कर रहा है। 2024 में द नज/इंस्टीट्यूट का लक्ष्य देश के दो लाख अत्यंत गरीब परिवारों के साथ काम करने का है।’
आज सम्मानित की गई 625 दीदियों के इस समूह की आजीविका में वैश्विक मानकों के अनुरूप सुधार हुआ है। इनमें से 94 प्रतिशत से ज्यादा के परिवार अब पोषक, संतुलित एवं पर्याप्त आहार (तिरंगा भोजन) ग्रहण कर रहे हैं। दीदियां अब वित्तीय रूप से ज्यादा सुरक्षित हुई हैं। इस प्रोग्राम से जुड़ी गतिविधियों के माध्यम से इनमें से 95 प्रतिशत दीदियां 15000 रुपये सालाना की अतिरिक्त आय पा रही हैं। उनके प्रोडक्टिव एसेट्स में न्यूनतम 35 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।
अपनी सहभागिता के माध्यम से करीब 96 प्रतिशत दीदियां अब स्वयं सहायता समूहों में साप्ताहिक आधार पर बचत कर रही हैं। प्रत्येक के पास बैंक खाता एवं कम लागत वाला बीमा है। इस प्रोग्राम से सरकारी योजनाओं को लेकर उनमें जागरूकता आई है। 97 प्रतिशत परिवारों की इस समय कम से कम दो सरकारी योजनाओं तक पहुंच है।
न दज/इंस्टीट्यूट के संस्थापक एवं सीईओ अतुल सतीजा ने कहा, ‘गरीबी के दुष्चक्र से बाहर निकलने वाली दीदियों को सम्मानित करने के इस अवसर पर मैं हमारे साझेदारों और झारखंड सरकार का आभार जताना चाहता हूं, जिन्होंने इस सफर में हमारा सहयोग किया। हम आगे भी अत्यंत गरीब परिवारों की और भी महिलाओं को सशक्त करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जिससे अगले कुछ वर्षों में अत्यंत गरीबी को खत्म करने के भारत के लक्ष्य को पाने में मदद मिलेगी।’
इस अवसर पर इप्सिता ठाकुर, सीनियर एसोसिएट डायरेक्टर, कॉर्पोरेट सिटिजनशिप, केपीएमजी और इंद्रप्रीत देवगन, एसोसिएट डायरेक्टर, कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी, केपीएमजी एवं अन्य वरिष्ठ प्रतिनिधि उपस्थित रहे।
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