हजारीबाग। एनटीपीसी केरेडारी कोयला खनन परियोजना ने महिलाओं को मशरूम कृषिकरण प्रशिक्षण दिया है। इससे उन्हें आर्थिक रूप से मजबूती मिली है। यह पहल महिलाओं को स्वावलंबी बनाने की दिशा में उठाया गया बेहतर कदम साबित हो रहा है।
एनटीपीसी केरेडारी परियोजना ने महिलाओं को विभिन्न प्रकार के कृषिकरण किट उपलब्ध कराए हैं। इसमें मशरूम की खेती, रबड़ मेकिंग, स्ट्रा मेकिंग आदि से जुड़ी तकनीकों का बेहतर उपयोग करने के लिए उपकरण शामिल हैं।
परीक्षण के बाद महिलाओं ने केरेडारी बाजार में मशरूमों को बेचा। इससे उन्हें आर्थिक मजबूती मिली। इस उत्पादन के माध्यम से महिलाओं को न केवल एक नई आय का स्रोत मिला है, बल्कि यह उन्हें अपने सपनों की पूर्ति के लिए नया दृष्टिकोण भी प्रदान कर रहा है।
एनटीपीसी द्वारा महिलाओं को विभिन्न प्रकार कि कृषिकरण किट उपलब्ध कराने से 800 महिलाओं को लाभ मिलेगा, जो 45 सेल्फ हेल्प ग्रुप्स (एसएचजी) के माध्यम से विभिन्न ग्रामों से आती हैं।
इस अवसर पर परियोजना प्रमुख प्रभारी फैज तैय्यब और केरेडारी परियोजना प्रमुख शिव प्रसाद ने महिलाओं को प्रोत्साहित किया है। उन्हें इस स्वावलंबन के प्रयास के लिए बधाई भी दी।
इस प्रयास को सफल बनाने में एनटीपीसी केरेडारी एवं चट्टी बरियातु परियोजना की स्वयं सेवी संस्था संस्कृति महिला समिति की अहम भूमिका रही है। इससे महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। वे समाज में अपनी पहचान बनाने की दिशा में आगे बढ़ेंगी।
इस अभियान को सफल बनाने में परियोजना के अपर-महाप्रबंधक सुभाष प्रसाद गुप्ता, मानव संसाधन विभाग से रोहित पाल, वरिष्ठ प्रबंधक आशीष कुल्लू एवं अधिकारी श्रीमती अलका पांडा की भी भूमिका रही।
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