नई दिल्ली। वह दिन दूर नहीं है, जब आम लोग भी भगवान श्रीराम और उनकी सेना की तरह पुल पर चलकर श्रीलंका जा सकेंगे। सही पढ़ा आपने। सरकार इसको लेकर तैयारी कर रही है। बता दें कि, पौराणिक कथाओं के अनुसार तमिलनाडु के रामेश्वरम में धनुषकोडी वह स्थान माना जाता है, जहां भगवान राम ने वानर सेना को एक पुल बनाने के लिए कहा था, ताकि उनकी सेना लंका जा सके। नासा की तस्वीरें और क्षेत्र में तैरते पत्थरों की मौजूदगी राम सेतु के अस्तित्व की ओर इशारा कर रही है।
इस बीच ऐसी खबर आई है कि वह दिन दूर नहीं है, जब आम लोग भी भगवान श्रीराम और उनकी सेना की तरह पुल पर चलकर श्रीलंका जा सकेंगे। दरअसल सरकार भारत और श्रीलंका के बीच 23 किलोमीटर लंबा समुद्री पुल बनाने की योजना पर काम कर रही है।
इस पुल से पर्यटन और अर्थव्यवस्था को बड़ा बढ़ावा मिलेगा। भारत सरकार जल्द ही भारत और श्रीलंका को जोड़ने वाले पुल के निर्माण पर काम शुरू करेगी। अधिकारियों के अनुसार, सरकार समुद्र के पार 23 किलोमीटर लंबे पुल के निर्माण के लिए व्यवहार्यता अध्ययन करेगी। यह पुल भारत के तमिलनाडु में धनुषकोडी और श्रीलंका में तलाईमन्नार को जोड़ेगा।
NHAI (National Highways Authority India) द्वारा इस प्रोजेक्ट पर काम किया जा रहा है। नया राम सेतु 23 किमी लंबा होगा। इसमें सड़क के साथ ही रेल पुल भी होगा। इससे भारत से श्रीलंका सामान ले जाने की लागत 50 फीसदी तक कम होगी।
NHAI के अधिकारियों से मिली जानकारी के अनुसार छह महीने पहले संपन्न हुए आर्थिक और तकनीकी सहयोग समझौते ने 40,000 करोड़ रुपए के विकास का मार्ग प्रशस्त किया है। इसमें एडीबी द्वारा समर्थित राम सेतु के केंद्र में नई रेल लाइनें और एक्सप्रेसवे शामिल हैं। इनका व्यवहार्यता अध्ययन जल्द ही शुरू होगा।
बताते चलें कि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दिनों तमिलनाडु में धनुषकोडी के पास अरिचल मुनाई का दौरा किया था। यह स्थान राम सेतु का शुरुआती बिंदु भी माना जाता है। ‘राम सेतु’ का उल्लेख संगम के दिनों से लेकर असंख्य तमिल ग्रंथों और तमिल राजाओं के कई शिलालेखों/तांबे की प्लेटों में भी मिलता है।