उत्तर प्रदेश। श्रीराम नगरी अयोध्या में 22 जनवरी 2024 को राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा समारोह की तैयारियां उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि पूरा देश कर रहा है। विदेश में भी जश्न का माहौल है। इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि वह किसी भी आकस्मिक स्थिति से निपटने के लिए व्यापक चिकित्सकीय तैयारी और प्रतिक्रिया योजना बनाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के साथ मिलकर काम कर रहा है।
अयोध्या में अपनी तरह का पहला ‘आरोग्य मैत्री डिजास्टर मैनेजमेंट क्यूब’- भीष्म (स्वदेशी पोर्टेबल अस्पताल) स्थापित किया गया है, जो आपदा प्रतिक्रिया और चिकित्सा सहयोग के लिए कई नवोन्मेषी उपकरणों से लैस है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि इससे प्रभावी समन्वय, वास्तविक समय में निगरानी और चिकित्सा सेवाओं के प्रभावी प्रबंधन में मदद मिलेगी। स्वास्थ्य मंत्रालय को उम्मीद है कि हजारों श्रद्धालु और तकरीबन 8,000 आमंत्रित अतिथि अयोध्या पहुंच सकते हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह में हिस्सा लेंगे।
बयान में कहा गया है कि इस ऐतिहासिक कार्यक्रम का लाखों श्रद्धालुओं के लिए काफी महत्व है, जिससे वहां आने वाले सभी लोगों की कुशलक्षेम के लिए मजबूत स्वास्थ्य देखभाल संबंधी उपाय उठाना आवश्यक हो गया है।
इसमें कहा गया है कि योगी आदित्यनाथ सरकार विभिन्न उपायों के जरिए मौजूदा चिकित्सा बुनियादी ढांचे को मजबूत कर रही है। इनमें मेला क्षेत्र में एक नियंत्रण कक्ष, 16 प्राथमिक चिकित्सा बूथ और दो अस्थायी फील्ड अस्पताल स्थापित करना शामिल हैं। इसमें तुलसी उद्यान में 20 बिस्तरों का अस्पताल और टेंट सिटी में 10 बिस्तरों का अस्पताल शामिल है। ये चौबीसों घंटे काम करेंगे।
स्वास्थ्य मंत्रालय के स्वास्थ्य सेवाओं के सचिव और महानिदेशक ने चिकित्सा बुनियादी ढांचे का आकलन करने के लिए हाल में अयोध्या का दौरा किया। बयान में कहा गया है कि इस दौरान किसी भी अप्रत्याशित आपात स्थिति से निपटने के लिए दिल्ली, उत्तर प्रदेश और पड़ोसी राज्यों में केंद्र सरकार के अस्पताल सतर्क रहेंगे।