जमशेदपुर। जमशेदपुर केनेल क्लब का 74वां, 75वां और 76वां चैंपियनशिप डॉग शो 5 से 7 जनवरी, 2024 को जेआरडी टाटा स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स के आर्चरी ग्राउंड में आयोजित होगा।
इस कार्यक्रम में ओबीडीएन्स टेस्ट, ऑल ब्रीड चैंपियनशिप और बीगल एवं लैब्राडोर रिट्रीवर्स के लिए विशेष शो शामिल होंगे। इसमें 45 से अधिक नस्लों के 386 श्वान भाग लेंगे। यह शो मनुष्य और उसके चार पैरों वाले साथियों के बीच के रिश्ते का जश्न मनाने वाला एक अविस्मरणीय उत्सव होगा।
जमशेदपुर केनेल क्लब की अध्यक्ष रुचि नरेंद्रन ने कहा कि जमशेदपुर डॉग शो 2024 विश्व स्तरीय कैनाइन उत्कृष्टता का उत्सव है, जहां प्रत्येक श्वान अनुग्रह, सुंदरता और कौशल की सच्ची भावना का प्रतीक है। यह एक प्रमाण है मनुष्यों और उनके उल्लेखनीय साथियों के बीच के शाश्वत संबंध का।
क्लब के सचिव सुदीप्तो सरकार ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों से जमशेदपुर के श्वान प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं। राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कार जीते हैं। इस कार्यक्रम का उद्घाटन 5 जनवरी, 2024 को सुबह 8:30 बजे मुख्य अतिथि टाटा स्टील के वाईस प्रेसिडेंट (शेयर्ड सर्विसेज) प्रोबाल घोष द्वारा किया जाएगा। इस कार्यक्रम में एक्सीबिट्स की बेंचिंग (चिकित्सा परीक्षा), पैनल चर्चाएं और पुरस्कार वितरण जैसी कई गतिविधियां शामिल हैं।
विभिन्न श्रेणियों के लिए जजों के पैनल में ओबिडिएंस ट्रायल के लिए भारत से फिलिप बट, बीगल स्पेशलिटी और लैब्राडोर स्पेशलिटी शो के लिए रूस से याना गैवरिलोवा और ऑल ब्रीड शो के लिए मैसेडोनिया से डॉ. पेरो बोझिनोव्स्की, ऑस्ट्रेलिया से लिनेट ब्रांड, रूस के एलेक्सी बेल्किन और दक्षिण कोरिया से वूंग जोंग ली जैसे प्रतिष्ठित नाम शामिल हैं। उनकी विशेषज्ञता और अनुभव इस भव्य आयोजन की सफलता में योगदान देंगे।
जेकेसी ने श्वानों के भौंकने, दुम हिलाने और चमकती आँखों के साथ तालमेल में एक अविस्मरणीय डॉग शो के लिए मंच तैयार किया है जो मनुष्य और उसके चार पैरों वाले विश्वासपात्र के बीच साझा बंधन के बारे में बहुत कुछ बताता है। श्वान, मनुष्य का सबसे अच्छा दोस्त – अप्रैल 1977 से पहले भारत के पूर्वी भाग में, विशेष रूप से बिहार में, इसे उचित ध्यान और दर्जा नहीं मिला था। इसका कारण श्वान प्रेमियों के किसी संघ या क्लब की अनुपस्थिति थी।
इसे दूर करने के लिए 1977 में ही केनेल क्लब इंडिया चेन्नई से संबद्ध, जमशेदपुर में एक केनेल क्लब के गठन के बारे में सोचा गया था। विचार यह था कि वैज्ञानिक प्रजनन, प्रशिक्षण, डॉग शो और परीक्षण, श्वानों का पंजीकरण, विशेषज्ञ पशु चिकित्सा सलाह आदि की व्यवस्था करके श्वानों की दुनिया की स्थिति को बढ़ावा देने का प्रयास किया जाए। इस पर जमशेदपुर में कई श्वान प्रेमियों के साथ चर्चा की गई और अंततः 7 अप्रैल, 1977 में बिहार केनेल क्लब का जन्म हुआ।
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