मुंबई। आयकर विभाग ने तारों और केबलों और बिजली की अन्य वस्तुओं के निर्माण में लगे एक समूह के मामले में तलाशी एवं जब्ती अभियान शुरू किया। समूह के कुछ अधिकृत वितरकों को भी तलाशी अभियान में शामिल किया गया। तलाशी की यह कार्रवाई मुंबई, पुणे, औरंगाबाद, नासिक, दमन, हलोल और दिल्ली स्थित 50 से अधिक परिसरों में की गई।
तलाशी अभियान के दौरान दस्तावेजों और डिजिटल डेटा के रूप में बड़ी संख्या में आपत्तिजनक साक्ष्य पाए गए। जब्त किए गए। इन साक्ष्यों से कुछ अधिकृत वितरकों के साथ मिलीभगत से समूह द्वारा अपनाई गई टैक्स चोरी की कार्यप्रणाली का पता चलता है।
प्रारंभिक विश्लेषण से पता चलता है कि प्रमुख कंपनी अपनी कर योग्य आय को छिपाने के लिए बेहिसाब नकदी बिक्री, बेहिसाब खरीदारी के लिए नकद भुगतान, गैर-वास्तविक परिवहन और उप-ठेकेदारी खर्च आदि में लिप्त थी।
तलाशी के दौरान बरामद किए गए सबूतों से यह स्थापित हुआ है कि प्रमुख कंपनी ने लगभग 1,000 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकद बिक्री की है, जिसे बही खाते में दर्ज नहीं किया गया है। प्रमुख कंपनी की ओर से कच्चे माल की खरीद के लिए वितरक द्वारा किए गए 400 करोड़ रुपये से अधिक के बेहिसाब नकद भुगतान के साक्ष्य भी जब्त कर लिए गए हैं।
इसके अलावा, प्रमुख कंपनी के परिसर से जब्त किए गए सबूतों में उप-अनुबंध व्यय, खरीद और परिवहन व्यय आदि के रूप में कुल मिलाकर लगभग 100 करोड़ रुपये गैर-वास्तविक व्यय की भी पहचान की गई है।
तलाशी कार्रवाई के परिणामस्वरूप माल की वास्तविक आपूर्ति के बिना बिल जारी करने के लिए वितरक द्वारा किए गए अस्पष्ट लेनदेन का भी पता चला, जबकि ऐसे सामान खुले बाजार में नकद में बेचे गए हैं। अधिकृत वितरक ने कुछ पार्टियों को अपने खरीद खातों को बढ़ाने की सुविधा दी, जो कुल मिलाकर लगभग 500 करोड़ रुपये हैं। यह वितरक विशेष रूप से प्रमुख कंपनी के उत्पाद बेचता है।
तलाशी अभियान के दौरान 4 करोड़ रुपये से अधिक की बेहिसाब नकदी जब्त कर ली गई। 25 से अधिक बैंक लॉकरों पर रोक लगा दी गई है। तलाशी 22 दिसंबर, 2023 को ली गई। आगे की जांच जारी है।
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