नई दिल्ली। सोमवार को भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) ने घोषणा की कि 15 राज्यों की राज्यसभा की 56 सीटों पर 27 फरवरी को मतदान होगा। बताते चलें कि, 13 राज्यों से 50 राज्यसभा सदस्यों का कार्यकाल 2 अप्रैल को समाप्त होने वाला है, जबकि दो राज्यों के शेष छह सदस्य 3 अप्रैल को सेवानिवृत्त होने वाले हैं।
जिन राज्यों में राज्यसभा चुनाव होने हैं, उनमें यूपी, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल, मध्य प्रदेश, गुजरात, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, राजस्थान, कर्नाटक, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, ओडिशा, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश शामिल हैं।
यहां बता दें कि, राज्य सभा के सदस्य का कार्यकाल छह वर्ष का होता है। राज्य सभा के एक-तिहाई सदस्य हर दो साल में सेवानिवृत्त होते हैं, जिससे सदन के कामकाज में निरंतरता सुनिश्चित होती है। संसद के ऊपरी सदन के सदस्यों का चुनाव राज्य विधान सभाओं के निर्वाचित सदस्यों द्वारा अप्रत्यक्ष रूप से किया जाता है।
मतदान प्रक्रिया में, प्रत्येक विधायक के मतपत्र में उतनी ही प्राथमिकताएं होती हैं, जितने चुने जाने वाले उम्मीदवार होते हैं। विधायक उम्मीदवारों के नाम के सामने अपनी प्राथमिकताएं अंकित करके मतदान करते हैं। अगर कोई उम्मीदवार पहले दौर में वोटों का आवश्यक कोटा हासिल कर लेता है, तो उसे निर्वाचित घोषित कर दिया जाता है।
दूसरी तरफ ये भी बता दें कि राज्यसभा में मनोनीत सदस्यों की दो सीटें 20 महीने से अधिक समय से उच्च सदन में खाली हैं। हालांकि इसका विधायी कार्यों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा, लेकिन उच्च सदन में इतने लंबे समय तक रिक्त रहना आश्चर्यजनक है, जबकि सरकार आसानी से इस स्थान को भरने के लिए दो उपयुक्त उम्मीदवारों को चुन सकती थी।
साहित्य, विज्ञान, कला और समाज सेवा में विशेष ज्ञान या व्यावहारिक अनुभव रखने वाले बारह सदस्यों को केंद्र सरकार की सलाह पर राष्ट्रपति द्वारा राज्यसभा में इस श्रेणी में नामांकित किया जाता है।