रांची। दी इंस्टिट्यूट ऑफ़ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ़ इंडिया की स्टूडेंट्स स्किल्स इंरीचमेंट बोर्ड, बोर्ड ऑफ़ स्टडीज (ऑपरेशन) के तत्वावधान में रांची के कांके रोड स्थित सीएमपीडीआई स्थित मयूरी ऑडिटोरियम में दो दिवसीय मेगा सीए स्टूडेंट्स कांफ्रेंस 6 जनवरी से शुरू हुआ। इसका उद्घाटन मुख्य अतिथि और डीआईजी (विशेष शाखा) मनोज चौथे ने किया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यूपीएससी की तरह सीए भी विश्व के मुश्किल कोर्स में से एक है। इसमें उत्तीर्ण होने के लिए मेहनत के अलावा और कोई विकल्प नहीं है। चार्टर्ड एकाउंटेंट्स की जरूरत आज हर जगह सामान रूप से है। एनआईए, ईडी या सीबीआई जैसी जांच एजेंसियां भी वित्त संबंधी पहलुओं की जांच के लिए चार्टर्ड एकाउंटेंट्स की सेवाओं का भरपूर उपयोग करते हैं।
विशेष अतिथि और पूर्व राज्यसभा सदस्य महेश पोद्दार ने कहा कि एक कारोबारी के रूप में उन्हें हमेशा चार्टर्ड एकाउंटेंट्स की सेवाओं की जरूरत पड़ती है। उन्होंने कहा कि सीए कोर्स उत्तीर्ण करना थोड़ी मुश्किल है। इसलिए सीए के विद्यार्थी को सीए के साथ-साथ करियर के लिए दूसरा ऑप्शन भी रखना चाहिए। हालांकि ऐसे विद्यार्थी जो सीए उत्तीर्ण नहीं कर सकें, लेकिन इसकी ट्रेनिंग (आर्टिकलशिप) अच्छा से की है, वे आज बड़ी-बड़ी कंपनी और विभागों में एकाउंटेंट्स के रूप में या स्वतंत्र रूप से टैक्स प्रैक्टिसनर के रूप में सफल हैं।
रीजनल काउंसिल सदस्य मनीषा बियानी ने कहा कि इस तरह के कांफ्रेंस अधिकतर बड़े शहरों में आयोजित होते हैं। रांची में इसका आयोजन यह दिखता है की सीए इंस्टिट्यूट हर जगह के अपने विद्यार्थियों को सामान सुविधा मुहैया करने में तत्पर रहते हैं।
इंस्टिट्यूट की रांची शाखा के अध्यक्ष पंकज मक्कड़ ने कहा कि इस मेगा कांफ्रेंस के आयोजन का उद्देश्य है कि यहां देश के विभिन्न भागों से आये सीए विद्यार्थियों के साथ मिलकर अलग-अलग विषयों में अपना तैयार किया गया पेपर्स प्रस्तुत करें। उन पेपर्स पर देश के नामी विशेषज्ञ उन्हें मार्गदर्शन करें। कांफ्रेंस के माध्यम से सीए विद्यार्थियों को बहुत से नए या बाहर के विद्यार्थियों की तैयारियों की जानकारी भी प्राप्त होती है, जो उन्हें कोर्स उत्तीर्ण करने में काफी मददगार होती है।
रांची शाखा के सीए स्टूडेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष निशांत मोदी ने स्वागत किया। कांफ्रेंस के आयोजन के उद्देश्य और विषयों पर विस्तृत चर्चा की। कहा कि यह आयोजन रांची के सीए विद्यार्थियों के लिए ज्ञान अर्जन के उद्देश्य से मील का पत्थर साबित होगा। देश के नामी विशेषज्ञों का मार्गदर्शन मिलेगा। विद्यार्थियों को अपनी तैयारी के लिए महत्वपूर्ण टिप्स मिलेगा।
कांफ्रेंस के पहले दिन की प्रथम तकनीकी सत्र में संदेश अग्रवाल, अनामिका कुमारी और श्वेता कुमारी द्वारा जीएसटी से सम्बंधित विषय पर प्रस्तुत पेपर्स की विवेचना बेंगलुरु से आये विशेषज्ञ आनंद साई प्रसाद ने की। कहा कि हमें एक विशेषज्ञ के रूप में लॉ की पूर्ण जानकारी, इससे सम्बंधित विभिन्न केस, लॉ और इनके प्रभावों कि जानकारी होना आवश्यक है।
दूसरे तकनीकी सत्र में डिजिटल इंडिया से सम्बंधित विषय पर सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर पर टैक्स सम्बन्धी प्रावधान, टैक्स हेवन राष्ट्र और वर्चुअल डिजिटल एसेट्स पर शुभांशी गाड़ोदिया, अनामिका कुमारी और श्वेता कुमारी ने पेपर प्रस्तुत किया। इसकी विवेचना पुणे से आये विशेषज्ञ शिवम पलान ने की। कहा कि डिजिटल इंडिया आज के समय में हम प्रोफेशनलों के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण विषय है। आर्टीफिशियल इंटेलिजेन्स के करण हमारे बहुत से कार्य तकनीक के माध्यम से होने लगे हैं और होंगे। इस करण सीए इंस्टिट्यूट विद्यार्थियों के लिए इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी की शिक्षा पर विशेष जोर दे रहा है, ताकि आने वाले चार्टर्ड एकाउंटेंट्स डिजिटल इंडिया के माध्यम से उत्पन्न हो रहे नए अवसरों का लाभ ले सकें।
तीसरे तकनीकी सत्र में सोसिओ कॉर्प से सम्बंधित नंदिनी भार्गव, जयेश पुरवार और अनुषा अग्रवाल द्वारा पेपर्स किया गया। इसकी विवेचन करते हुए साक्षी अग्रवाल बताया कि छोटे शहरों के चार्टर्ड एकाउंटेंट्स इस विषय पर ना के बराबर प्रैक्टिस करते हैं। हालांकि आज क्लाइमेट चेंज को लेकर पूरे विश्व में चिंता दिखाई जा रही है। विकसित देश अपने औद्योगिक प्रदूषण के लिए दूसरे अविकसित देशों से कॉर्बन क्रेडिट जैसे समझौते द्वारा अपने प्रदूषण के बदले फंड मुहैया करा रहे हैं, ताकि उन देशों के माध्यम से क्लाइमेट चेंज के लिए कार्य हो सके। इसके लिए चार्टर्ड एकाउंटेंट्स की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
भोपाल से आये विशेषज्ञ ब्रिगेडियर संजय अग्रवाल ने कहा कि हमें हर कार्य पूरी लगन और परिणाम के विश्वास के साथ करना चाहिए। अपने परिश्रम पर भरोसा करना चाहिए। उसका परिश्रम उसे एक दिन सफलता दिलाता है। असफलता से निराशा हमें अंधेरे में धकेलता है। हर असफलता को हमें एक शानदार प्रयास के रूप में देखना चाहिए। उसे अपनी गलतियों के सुधार के लिए एक मौका समझना चाहिए।
तकनीकी सत्रों का समापन रांची शाखा के उपाध्यक्षा श्रद्धा बगला के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ। कांफ्रेंस के आयोजन में विशाल चंद्रा, रोहित रॉय, राहुल चौधरी, प्रह्लाद कुमार, आशीष कुशवाहा, विवेक जैन, रांची शाखा के सीए स्टूडेंट्स एसोसिएशन के उपाध्यक्ष अक्षत कुकरेती, सचिव श्रुति राज, हर्ष डालमिया, विकाश डालमिया, हर्ष राज मित्तल, ईशा राज बरनवाल, श्रेया पाठक, अनूप कुमार और ऋषब नंदा का योगदान है।
कांफ्रेंस के लिए पूरे भारत से सीए विद्यार्थियों द्वारा भेजे गए पेपर्स का चुनाव शुभम मोदी और अंकित राजगाड़िया ने किया।
कांफ्रेंस के उद्घाटन में रांची शाखा के पूर्व अध्यक्ष पीएन दुबे, सुमित अग्रवाल, उदय जायसवाल सहित कुणाल घेलानी और हर्षित गोयल भी उपस्थित थे।
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