पटना। 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ताबड़तोड़ फैसले ले रहे हैं। ललन सिंह मामले में बैकफूट पर आए सीएम नीतीश की अध्यक्षता में सोमवार को हुई राज्य कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक में बिहार में खेल विभाग का गठन करने के साथ ही कई अन्य प्रस्तावों पर अपनी मुहर लगी है। मुख्य सचिवालय में चल रही नीतीश कैबिनेट की महत्वपूर्ण बैठक खत्म हो गई है। कैबिनेट की बैठक में कुल 19 एजेंडों पर मुहर लगी है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 6 जनवरी को एलान किया था कि बिहार में अलग से खेल विभाग का गठन किया जाएगा। मेडल लाओ नौकरी पाओ योजना के तहत उत्कृष्ट खिलाड़ियों को नियुक्ति पत्र वितरण करने के दौरान मुख्यमंत्री ने एलान किया था कि जल्द ही बिहार में अलग से खेल विभाग का गठन किया जाएगा, जिससे खेल के क्षेत्र में बेहतर काम हो सकेगा।
मुख्यमंत्री ने एलान किया था कि अच्छे खिलाड़ियों को स्कॉलरशिप दी जाएगी। इससे युवा अपना पूरा ध्यान खेल पर फोकस कर सकेंगे। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि खेल विभाग के तहत खेल-कूद से संबंधित कार्य किए जाएंगे और खेल में बेहतर करने वाले खिलाड़ियों की पुलिस सहित अन्य विभागों में खेल कोटा के रिक्त पदों पर प्राथमिकता के आधार पर नियुक्ति की जाएगी।
मुख्यमंत्री के इस एलान के बाद सोमवार को हुई कैबिनेट की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। अब जल्द ही बिहार में खेल विभाग का गठन कर लिया जाएगा। बिहार में अभी तक खेल से संबंधित सभी कार्य कला संस्कृति एवं युवा विभाग के अधीन किए जाते थे। जितेंद्र कुमार राय इस विभाग के मंत्री हैं। अलग से खेल विभाग के गठन के बाद राज्य में स्पोर्ट्स को बढ़ावा मिल सकेगा।
इसके साथ ही साथ सरकार ने विभिन्न विभागों से जुड़े इन प्रस्तावों पर अपनी स्वीकृति दी है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दो वादे को एक साथ पूरा कर दिया गया। दो दिन पहले नीतीश कुमार ने आंगनबाड़ी सेविका-सहायिकाओं का पैसा बढ़ाने का आश्वासन दिया था, आज उसे पूरा कर दिया गया। रविवार को सीएम ने पंचायती राज जनप्रतिनिधियों यानी मुखिया, उप मुखिया, वार्ड सदस्य, सरपंच, पंच का भत्ता बढ़ाने का एलान किया था। एक दिन बाद ही कैबिनेट ने इसका फैसला ले लिया।
शनिवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बिहार राज्य आंगनबाड़ी सेविकाओं एवं सहायिका संघ के शिष्टमंडल मिला था। उनकी मांग थी कि पिछले नवंबर में नौकरी से हटायी गयीं आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं को फिर से नियुक्त किया जाये।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने नौकरी से हटायी गयीं 18 हजार 220 आंगनबाडी सेविकाओं-सहायिकाओं को काम पर वापस रखने का आश्वासन दिया था। मुख्यमंत्री ने ये भी कहा था कि सेविका-सहायिका के मानदेय में सम्मानजनक वृद्धि की जायेगी। उनके आश्वासन के बाद शनिवार की शाम आनन-फानन में कार्यमुक्त करने का आदेश वापस लिया गया।
सोमवार को हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में उनके भत्ते में बढोत्तरी का भी फैसला ले लिया गया। कैबिनेट की बैठक में फैसला लिया गया कि आंगनबाड़ी सेविकाओं और सहायिकाओं का राज्य भत्ता बढ़ा दिया जाये। सेविकाओं को अब तक राज्य भत्ता के तौर पर 1450 रुपये मिलते थे। अब उन्हें राज्य भत्ता के रूप में 2500 रुपये दिये जायेंगे।
वहीं आंगनबाड़ी सहायिकाओं को राज्य भत्ता के तौर पर 725 रुपये मिलते थे, कैबिनेट की बैठक में उसे बढ़ा कर 1750 रुपये करने का फैसला लिया गया है।