रांची। झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी ने फिर से समन भेजा है। पूछताछ के लिए उन्हें खुद जगह निर्धारित करने को कहा है। इस कार्रवाई के बीच उनके इस्तीफा की चर्चा है। साथ ही, विकल्प के तौर पर उनकी पत्नी कल्पना सोरेन के सीएम बनने की बात कही जा रही है। चर्चा के बीच भाजपा सांसद डॉ निशिकांत दूबे ने मुंबई कोर्ट के आदेश की याद दिलाई है।
डॉ दूबे ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि इस मामले में झारखंड के राज्यपाल को क़ानूनी सलाह लेना चाहिए। झारखंड विधानसभा का गठन 27 दिसंबर, 2019 को हुआ। सरफराज अहमद का इस्तीफ़ा 31 दिसंबर को हुआ। एक साल से कम समय में चुनाव नहीं हो सकता।

सांसद ने आगे लिखा कि मुंबई हाईकोर्ट के काटोल विधानसभा के निर्णय के अनुसार अब गांडेय में चुनाव नहीं हो सकता। काटोल विधानसभा जब महाराष्ट्र में ख़ाली हुआ, तब विधानसभा का कार्यकाल 1 साल 50 दिन था। यदि कल्पना सोरेन कहीं से विधायक नहीं बन सकती हैं तो मुख्यमंत्री कैसे बनेंगी? कांग्रेस झारखंड को चारागाह बनाने की कोशिश कर रही है।
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