नशा का कारोबार छोड़ आजीविका के साधनों का ग्रामीणों ने किया सृजन

सरोकार झारखंड
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  • पंचघाघ में पंचायत व गांव के किए काम को डीसी ने बताया अनुकरणीय

खूंटी। कभी दारू व हड़ि‍या बचने का काम करते थे। आज इसे छोड़ आजीविका के साधनों का खुद सृजन कर रहे हैं। इसमें सपोर्ट मुखि‍या, ग्रामसभा व पर्यटक मित्रों के सामूहिक प्रयास रहा है। झारखंड के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल पंचघाघ में उनके लिए स्‍टॉल बनाया गया।

डीसी ने किया स्‍टॉल का उद्घाटन

पंचघाट में बने स्टॉल का उदघाटन शनिवार को डीसी लोकेश मिश्रा ने किया। इस मौके पर जिला खेल पदाधिकारी प्रवीण कुमार, बीडीओ सुलेमान मुंडरी, मुखिया मरियम होरो व ग्रामप्रधान अर्जुन मुंडा व पर्यटक मित्र मुख्य रूप से उपस्थित हुए। ग्रामीण महिलाओं ने अतिथियों का पारंपरिक ढ़ंग से स्वागत किया।

स्थिति का जायजा लिया

डीसी लोकेश मिश्रा ने संपूर्ण पंचघाघ का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लिया। सैलानियों की सुविधा और लोगों के रोजगार की भी जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने लेमनग्रास के लगाए गए स्टॉल का जायजा लिया। उत्पादों, लेमनग्रास ऑयल पौधों और पत्तों की हो रही बिक्री से संबंधित जानकारी ली। डीसी ने पंचघाघ परिसर में बने बोरीबांध को देखा। उसमें बच्चों के जलक्रीड़ा के लिए चलाए जा रहे ट्यूब को देखा। डीसी ने बच्चों की सुरक्षा का विशेष ध्यान देने को कहा।

प्रयास को दूसरे भी अपनाएं

डीसी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि स्थानीय ग्रामीणों और कोड़ाकेल पंचायत की मुखिया द्वारा पंचघाघ में सराहनीय प्रयास किया गया है। इससे सैलानियों की सुविधा मिलेगी। ग्रामीणों को रोजगार भी उपलब्‍ध होगा। उन्होंने कहा कि यहां ग्रामीणों द्वारा कुछ अपनी तरफ से अस्थाई दुकानें बनाई गई है। बोरीबांध बनाकर पानी के संरक्षण का अच्छा प्रयास किया गया है। हम चाहेंगे कि हर प्रखंड, पंचायत और गांव इसका अनुकरण करे। डीसी ने ग्रामीणों से उनकी समस्या और जरूरतों पर भी बातचीत की। इसमें पंचघाघ में लगे सोलर लाईट के खराब होने और बिजली की सुविधा नहीं होने की जानकारी दी गई।

मुखिया सहित ये भी मौजूद

इस मौके पर मुखिया मरियम होरो, ग्रामप्रधान अर्जुन मुंडा, सुशील सोय, रिंकू महतो, पर्यटक मित्र दुर्गा भेंगरा, देवेंद्र सिंह, दसाय भेंगरा, विलियम बोदरा, धर्मदास बोदरा, सुलेमान ढ़ोढ़राय, संजय ढ़ोढ़राय, दिलीप सिंह, सलोमी बोदरा, सुचिता ढ़ोढ़राय, कृष्णा सिंह समेत अन्य ग्रामीण उपस्थित थे। 

स्टॉलों में ये उपलब्ध

नए साल में पंचघाघ आने वाले सैलानियों की जरूरत के सभी सामान पंचघाघ परिसर में ही उपलब्ध हैँ। देसी चिकन, किराने के सभी सामान, जलावन, चाय-नास्ता के अलावा मड़ुआ के बने उत्पाद, जेएसएलपीएस की दीदीयों द्वारा तैयार बेकरी समेत अन्य खाद्य पदार्थ, फास्ट फूड, आईस्क्रीम की दुकानें, लेमनग्रास ऑयल, ग्रास और पौघे, मशरूम, गन्ना के जूस, कालमेग समेत अन्य सभी आवश्यकता के सामान पंचघाघ में उपलब्ध हैं।

पिकनिक मनाने की व्‍यवस्‍था

पंचघाघ में सैलानियों के लिए इस वर्ष पिकनिक मनाने की अच्छी व्यवस्था है। पार्किंग की सुविधा है। साथ ही, बच्चों के लिए चिल्ड्रेन पार्क, एडवेंचर पार्क भी लोगों को रिझा रहा है।

नशा त्याग विकास की राह पर

मुरहू की कोउ़ाकेल पंचायत अंतर्गत कोलोम्दा गांव में पिछले कई महीनों से नशामुक्ति अभियान चलाया जा रहा है। इस गांव में लगभग 26 परिवार हंड़िया और दारू के कारोबार से जुड़े थे। हालांकि गांव के सार्वांगिण विकास में जुड़े गांव के लोग अब स्वयं अपनी आजीविका के साधनों का भी सृजन कर रहे हैं। इसमें खेतीबारी के साथ पर्यटन भी महत्वपूर्ण भागीदारी निभा रही है।

रोजगार से जोड़ने का प्रयास

मुखिया मरियम होरो, ग्रामसभा व पर्यटक मित्रों के सामूहिक प्रयास से पंचघाघ में 25 से ज्यादा अस्थाई स्टॉल बनाकर लोगों को रोजगार से जोड़ने का काम किया गया है। इसके अलावा पंचघाघ परिसर में कई छोटी-छोटी दुकानें लगाकर ग्रामीण आजीविका चला रहे हैं। पंचघाघ में दुकानों के अलावा अन्य माध्यमों से भी लोग अच्छी आमदनी कर रहे हैं। इससे अब गांव के लोगों में जागरुकता आ रही है।

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