- राज्यस्तरीय रबी कर्मशाला 2023 का आयोजन
रांची। झारखंड रबी फसल के आच्छादन में काफी पिछड़ा हुआ है। हालांकि हम खरीफ आच्छादन और उत्पादन में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन औसत से कम वर्षापात की वजह से यह सेक्टर प्रभावित हुआ है। इसलिए हमें वैकल्पिक खेती का रास्ता तलाशते हुए रबी फसल के रकबा में वृद्धि करनी होगी। क्रॉप इंडेंसिट में हम रबी के क्षेत्र में हम लगभग 120 फीसदी ही हैं। यह बातें कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता सचिव अबू बकर सिद्दीख पी ने हेसाग स्थित पशुपालन विभाग के सभागार में आयोजित रबी कर्मशाला में 10 दिसंबर, 2023 को कही।
तीन बिंदुओं पर काम करने की जरूरत है
सचिव ने कहा कि झारखंड में 38 लाख हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि है। इसमें से 28 लाख हेक्टेयर भूमि पर खरीफ फसल की खेती होती है। 11 लाख हेक्टेयर जमीन पर रबी फसल की पैदावार होती है। जमीन किसान की आजीविका होती है, इसलिए उसकी मिट्टी के स्वास्थ्य की रक्षा करना बहुत जरूरी है। उन्होंने रबी के कवरेज को बढ़ाने पर बल देते हुए कहा कि किसानों के लिए तीन बिंदुओं पर काम पदाधिकारियों को करने की जरूरत है। सबसे पहले किसानों के व्यवहार में कैसे बदलाव हो, उसके प्रयास करने के लिए उनके घर तक जाना होगा। फील्ड ऑफिसर्स को फील्ड में जाना होगा। किसानों के व्यवहार में बदलाव के साथ सहयोग करने की जरूरत है। उनको तकनीकी स्तर पर भी सहयोग करना होगा।
वाटर बॉडी के किनारे की जमीन का सर्वे कराएं
कृषि सचिव ने कहा कि सभी पदाधिकारी अपने जिले की वाटर बॉडी का सर्वे कराएं। यह सुनिश्चित करें कि वाटर बॉडी के आसपास की जमीन पर खेती हो रही है। किसान हित में केसीसी का निरंतर अभियान चलाएं। विभागीय स्तर पर भी एसएलबीसी के माध्यम से बैंकों पर किसानों को लोन देने का दवाब बनाया जा रहा है। किसानों को समझाएं कि सरकार उन्हें खेती के लिए ब्याज मुक्त ऋण बैंकों के माध्यम से उपलब्ध करा रही है। झारखंड इकलौता ऐसा राज्य है, जो किसानों को 100 फीसदी ब्याज रहित लोन देने की प्रक्रिया में है। पदाधिकारी टीम बनाकर काम करें। किसानों को आर्थिक रूप से समृद्ध बनाने में सहयोग दें।
कम वर्षापात के कारण रबी का महत्व
कृषि निदेशक संजय कुमार सिन्हा ने कहा कि य राज्य में योजनों का आच्छादन शत प्रतिशत हो, यह सुनिश्चित करना है। बीते दो वर्षों से वर्षापात कम और बेमौसम हुई है। इसका प्रभाव सीधा किसानों और कृषि उत्पादकता पर हुआ है। इसलिए रबी का महत्व और ज्यादा बढ़ गया है। उन्होंने कहा कि समय पर किसानों को बीज, खाद और अन्य सुविधाएं उपलब्ध हो सकें, इसके प्रयासों में तेजी लाने की जरूरत है।
रबी फसल पुस्तक का लोकार्पण
इस मौके पर रबी फसल से संबंधित पुस्तक का भी लोकार्पण किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से भूमि संरक्षण निदेशक अजय कुमार सिंह, अपर निदेशक पीएन त्रिपाठी, उप कृषि निदेशक सामान्य मुकेश कुमार सिन्हा, उप कृषि निदेशक योजना अशोक कुमार सिन्हा, निदेशक मत्स्य एचएन द्विवेदी, बीएयू के कृषि अधिष्ठाता डॉ डीके शाही सहित सभी जिला कृषि पदाधिकारी उपस्थित थे।
यहां सीधे पढ़ सकते हैं अन्य खबरें
खबरें और भी हैं। इसे आप अपने न्यूज वेब पोर्टल dainikbharat24.com पर सीधे भी जाकर पढ़ सकते हैं। नोटिफिकेशन को अलाउ कर खबरों से अपडेट रह सकते हैं। सुविधा के अनुसार अन्य खबरें पढ़ सकते हैं। आप अपने न्यूज वेब पोर्टल से फेसबुक, इंस्टाग्राम, x सहित अन्य सोशल मीडिया के साथ-साथ सीधे गूगल पर भी जुड़ सकते हैं। यहां भी खबरें पढ़ सकते हैं। अपने सुझाव या खबरें हमें dainikbharat24@gmail.com पर भेजें।