झारखंड में सीएमवीआर लागू होने से सरकार के राजस्‍व में 50 फीसदी बढ़ोतरी संभव

बिज़नेस झारखंड
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  • डीलरों को भी हो रहा है भारी घाटा

रांची। झारखंड में केंद्रीय मोटर वाहन नियम (सीएमवीआर) लागू नहीं होने से राज्‍य सरकार को सालाना करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है। इसके कारण राज्‍य के डीलरों को भी भारी घाटा हो रहा है। इसके लागू हो जाने से सरकार के राजस्‍व में 50 फीसदी की बढ़ोतरी संभव है। यह जानकारी 16 दिसंबर, 2023 को फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन के झारखंड स्‍टेट चेयरपर्सन गोविंद पी मेवाड़ ने मीडिया को दी।

मेवाड़ ने बताया कि सीएमवीआर के लागू नहीं होने से वाहन उद्योग का ग्रोथ रेट भी अन्‍य राज्‍यों की तुलना में कम है। वर्तमान में पड़ोसी राज्‍य ओडिशा का ग्रोथ रेट 18 प्रतिशत है, वहीं झारखंड का 10 फीसदी है।

एसोसिएशन के सदस्‍यों ने बताया कि वर्तमान में झारखंड में कमर्शियल वाहनों का अस्‍थाई निबंधन (टीआर) का शुल्‍क 25 हजार रुपये है। ओडिशा में यह करीब 4 हजार रुपये है। इसके कारण अधिक संख्‍या में वाहन रखने को इच्‍छुक लोग अन्‍य राज्‍यों से खरीदारी करते हैं।

सदस्‍यों ने बताया कि झारखंड में वाहन डीलरों की संख्‍या 800 है। सालाना 5 लाख वाहनों की बिक्री होती है। वर्तमान में वाहनों की बिक्री से सरकार को 6000 करोड़ का जीएसटी मिलता है। रोड टैक्‍स से 1300 करोड़ रुपये मिलते हैं।

मेवाड़ ने बताया कि सीएमवीआर लागू हो जाने से सरकार की जीएसटी से मिलने वाले राजस्‍व में करीब 50 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो सकती है। उन्‍होंने कहा कि निजी वाहनों में टीआर लेकर लोग वर्षों तक चलते हैं। इसे चेक करने का सिस्‍टम भी सरकार के पास नहीं है। इसे चेक करने भी जरूरी है।

मीडिया के बात करने के दौरान फेडरेशन के सीईओ सहर्ष रमानी, सीएस विधेनेश्‍वर, हेमंत जैन, पुनीत पोद्दार, उमेश साहू भी मौजूद थे।

फडरेशन की ओर से 16 दिसंबर को इस मुद्दे को लेकर प्रदेशस्‍तरीय व्‍यापार कार्यक्रम का आयोजन भी किया गया। इसका उद्घाटन परिवहन सचिव कृपानंद झा ने किया। इसमें पूरे झारखंड से 200 से अधिक डीलरों ने भाग लिया।

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