चेन्नई। बड़ी और दुखद खबर तमिलनाडु से आ रही है, जहां भीषण चक्रवाती तूफान मिचौंग के कारण आठ लोगों की मौत हो गई है। चेन्नई और राज्य के अन्य प्रमुख शहरों में मुख्य सड़कें और सबवे जलमग्न हो गए हैं। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने कहा कि परिवारों को प्रभावित क्षेत्रों से हटा दिया गया है, जबकि गर्भवती महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों को खतरे वाले क्षेत्रों से बचाया गया है। मंगलवार सुबह मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन ने चक्रवात प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया। बचाव कार्यों और प्रभावित लोगों को दी जाने वाली सुविधाओं की निगरानी की।
उन्होंने कहा कि एहतियाती उपायों, व्यवस्थित सुधारों और व्यापक संरचनात्मक तैयारियों के कारण जीवन के नुकसान को काफी हद तक कम किया गया है। उन्होंने चेन्नई के कन्नप्पार थिडल में स्थापित एक राहत शिविर का भी दौरा किया। बचाव एवं राहत कार्य युद्ध स्तर पर चलाए जा रहे हैं। द्रमुक सरकार द्वारा कार्यान्वित तूफानी जल निकासी परियोजनाओं के कारण चेन्नई को बड़े पैमाने पर नुकसान होने से बचाया गया।
स्टालिन के मुताबिक, भारी बारिश के बावजूद पिछली बार की तुलना में नुकसान कम है। राहत कार्य चलाने के लिए तमिलनाडु के विभिन्न हिस्सों से लगभग 5,000 श्रमिकों को चेन्नई में तैनात किया गया है। वर्तमान में राज्य भर में कम से कम 162 राहत केंद्र चल रहे हैं, जिनमें से 43 चेन्नई में हैं। राज्य की राजधानी में संचालित 20 किचेन से भोजन की आपूर्ति की जा रही है।
इस बीच, चक्रवात के प्रभाव के कारण सोमवार को निलंबित रहने के बाद चेन्नई हवाई अड्डे पर उड़ान सेवाएं फिर से शुरू हो गई हैं। हालांकि, हवाई अड्डे के कर्मचारियों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है।