नई दिल्ली। दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में बना गहरा दबाव अगले 24 घंटे में चक्रवाती तूफान ‘मिचौंग’ में बदलने की संभावना है। उत्तर-पूर्व अरब सागर में भी एक सर्कुलेशन बना हुआ है। यहां से एक ट्रर्फ रेखा उत्तर-पूर्व मध्य प्रदेश तक जा रही है। इसी तरह एक पश्चिमी विक्षोभ हरियाणा और उससे सटे हुए हिमाचल प्रदेश में देखा जा सकता है।
यह डीप डिप्रेशन 18 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से पश्चिम-उत्तर-पश्चिम दिशा में आगे बढ़ रहा है। यह सुबह पुडुचेरी से करीब 440 किलोमीटर और चेन्नई से करीब 450 किलोमीटर की दूरी पर था। मछलीपट्टनम से 670 किलोमीटर की दूरी पर था।
तूफान तामिलनाडु और आंध्र प्रदेश के तट के पास से होकर गुजरेगा। यह 4 दिसंबर, 2023 की शाम से उत्तरी दिशा में आंध्र प्रदेश के तटीय इलाके से होते हुए आगे बढ़ेगा। मछलीपट्टम और आंध्र प्रदेश के नेल्लोर में 5 दिसंबर की दोपहर को टकराएगा। जिस समय यह तूफान टकराएगा, उस वक्त हवा की गति 80 से 90 किलोमीटर प्रति घंटा होगी।
तमिलनाडु के उत्तरी हिस्से, आंध्र प्रदेश के दक्षिणी हिस्से, पुडुचेरी, रायलसीमा और कराईकल में 3 और 4 दिसंबर को भारी से बहुत भारी वर्षा होने की संभावना है। इसी तरह ओडिशा के दक्षिणी जिलों में 4 दिसंबर को भारी बारिश होने की आशंका है। आमजन से आग्रह किया गया है कि ऑरेंज अलर्ट के मद्देनजर मौसम संबंधित सावधानियां बरतें और सुरक्षित रहें।
तूफान से निपटने के लिए तैयारी की गई है। इसकी समीक्षा केंद्रीय कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने की। मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने के लिए कहा गया है। पर्याप्त संख्या में आश्रय स्थल, बिजली आपूर्ति, चिकित्सा और आपातकालीन सेवाओं को पूरी तरह से तैयार रखा जा रहा है।
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पुडुचेरी को 18 टीमें उपलब्ध कराई है। 10 अतिरिक्त टीमों को तैयार रखा गया है। तटरक्षक बल, सेना और नौसेना की बचाव और राहत टीमों के साथ-साथ जहाजों और विमानों को स्टैंडबाय पर तैयार रखा गया है।
केंद्रीय एजेंसियों के साथ-साथ तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पुडुचेरी की राज्य सरकारों की तैयारी संबंधी उपायों की समीक्षा करते हुए कैबिनेट सचिव ने विशेष जोर दिया कि राज्य सरकारों के अधिकारियों द्वारा समस्त आवश्यक निवारक और एहतियाती उपाय किए जाने चाहिए।
यह उद्देश्य सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि जान-माल का कोई नुकसान न हो और संपत्ति एवं बुनियादी ढांचागत सुविधाओं या अवसंरचना को कम से कम नुकसान हो। इसके अलावा, समस्त आवश्यक सेवाएं जल्द से जल्द बहाल की जानी चाहिए।
यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि समुद्र में गए मछुआरे सुरक्षित लौट आएं। तेल रिगों, जहाजों आदि में तैनात कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए। कैबिनेट सचिव ने तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, ओडिशा और पुडुचेरी की सरकारों को आश्वस्त किया कि सभी केन्द्रीय एजेंसियां पूरी तरह तैयार हैं। वे उनकी सहायता के लिए उपलब्ध रहेंगी।
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