उत्तरकाशी सुरंग हादसा : कभी भी बाहर आ सकते हैं फंसे श्रमिक

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देहरादून। उत्‍तरकाशी सुरंग हादसा में बचाव अभियान अंतिम चरण में है। वहां फंसे श्रमिक कभी भी बाहर आ सकते हैं। सुरंग के पास एनडीआरएफ की टीम, एंबुलेंस सहित अन्‍य की तैनाती की गई है। मुख्‍यमंत्री पुष्‍कर सिंह धामी भी वहां पहुंच गए हैं। केंद्रीय मंत्री जनरल वीके सिंह (सेवानिवृत्त) सिल्कयारा सुरंग स्थल पर पहुंचे।

जानकारी हो कि उत्तरकाशी के सिलक्यारा सुरंग का एक हिस्सा 12 नवंबर को ढह गया था। इसके बाद वहां 41 श्रमिक फंस गए हैं। उन्‍हें निकालने के लिए बचाव अभियान जारी है।

उत्तरकाशी सुरंग बचाव अभियान पर डीएम अभिषेक रूहेला ने बताया कि अभी जो बचाव कार्य चल रहा है उसमें कुछ चुनौतियां आ रही हैं। उससे निजात पाने के लिए कुछ विशेषज्ञों को बुलाया गया है। उनके सलाह के आधार पर बचाव कार्य को आगे बढ़ाया जा रहा है। काम करने वाले लोगों की सुरक्षा भी आवश्यक है।

वेल्डिंग विशेषज्ञों को दिल्ली से सिल्कयारा सुरंग स्थल पर बुलाया गया है। फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए बचाव अभियान लगातार जारी है।

अंतर्राष्ट्रीय टनलिंग विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स भी सिल्कयारा सुरंग स्थल पर पहुंचे। उन्‍होंने कहा कि इस समय, ऐसा लगता है जैसे हम सामने के दरवाजे पर हैं। हम उस पर दस्तक दे रहे हैं। हम जानते हैं कि लोग दूसरी तरफ हैं। मैं देखने जा रहा हूं और देखूंगा कि क्या हो रहा है।

पीएमओ के पूर्व सलाहकार भास्कर खुल्बे ने कहा कि हम अभी कोशिश कर रहे हैं कि 45 मीटर के आगे 6 मीटर और जाने के लिए जो पाइप वेल्डिंग करनी होती है, वे हम तैयार कर रहे हैं। रात में 45 मीटर के मुंह पर कुछ स्टील की संरचना सामने आ गई थी। उसको अंधेरे और बिना ऑक्सीजन के जगह पर काटने में हमें 6 घंटे लगे। हम उस पूरे हिस्से को साफ कर चुके हैं।

उत्तराखंड सीएमओ कार्यालय ने जानकारी दी है कि सिल्कयारा सुरंग के अंदर फंसे श्रमिकों को बचाने की तैयारी अंतिम चरण में है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी खुद उत्तरकाशी में मौजूद हैं।

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