रांची की होटवार जेल में ईडी अफसरों के खिलाफ साजिश रचने के मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने मांगी रिपोर्ट, जानें पूरा मामला

झारखंड
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रांची। बड़ी खबर आई है, झारखंड हाईकोर्ट ने रांची की होटवार जेल में ईडी के अफसरों और मनी लाउंड्रिग के गवाहों के खिलाफ रची गयी साजिश से संबंधित रिपोर्ट 21 नवंबर से पहले ईडी को देने को कहा है।

बता दें कि, मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा और न्यायाधीश आनंदा सेन की पीठ में मंगलवार को शिवशंकर शर्मा बनाम राज्य सरकार व अन्य के मामले की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ता राजीव कुमार की ओर से पीठ को जेल में ईडी के अफसरों और गवाहों के खिलाफ रची गयी साजिश की जानकारी दी गयी। साथ ही इस संबंध में अखबारों व सोशल मीडिया में प्रकाशित खबरों को कोर्ट के सामने पेश किया।

अदालत ने जेल में रची गयी साजिश से संबंधित खबरों को गंभीरता से लिया और ईडी को इस मामले में सीलबंद लिफाफे में अपनी रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया। अदालत ने इस याचिका की सुनवाई के लिए 21 नवंबर की तिथि निर्धारित की है। ईडी को सुनवाई की तिथि से पहले अपनी रिपोर्ट देने का निर्देश दिया गया है।

बताते चलें कि, शिवशंकर शर्मा ने वर्ष 2021 में एक जनहित याचिका दायर कर झारखंड में हो रही जमीन की हेराफेरी की जांच सीबीआइ और ईडी से कराने की मांग की थी। इसमें आरोप लगाया गया था कि राज्य में अंचल अधिकारियों ने सब रजिस्ट्रार, उपायुक्त समेत जमीन से जुड़े अन्य अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जी दस्तावेज के आधार पर जमीन की खरीद बिक्री कर रहे हैं।

फर्जी दस्तावेज के आधार पर जमीन की रजिस्ट्री और म्यूटेशन होने के बाद पुलिसवाले पैसा लेकर जमीन पर कब्जा दिलाते हैं। इन आरोपों को देखते हुए जमीन की खरीद बिक्री मामले की जांच सीबीआइ और इडी से कराने का अनुरोध किया गया था।

इस बीच, ईडी ने खुद वर्ष 2022 और 2023 में इसीआइआर दर्ज कर फर्जी दस्तावेज पर हुए जमीन घोटाले की जांच शुरू कर दी। इडी ने वर्ष 2022 में ECIR/RNZO/18/2022 और ECIR/RNZO/10/2023 दर्ज की। इडी ने इन दोनों मामलों की जांच के दौरान रांची के तत्कालीन उपायुक्त छवि रंजन, कारोबारी अमित अग्रवाल, विष्णु अग्रवाल समेत फर्जी दस्तावेज बनाने और अधिकारियों की मदद से जमीन बेचनेवाले को गिरफ्तार किया।

साथ ही फर्जी जमीन की खरीद-बिक्री करनेवाले गिरोह के सरगना अफसर अली उर्फ अफसू के घर से राजस्व से जुड़े अधिकारियों की मुहरें और 35 फर्जी डीड जब्त किये गये थे। ईडी द्वारा की गयी इस कार्रवाई की जानकारी शिवशंकर शर्मा की याचिका की सुनवाई के दौरान पहले ही दी जा चुकी है। अदालत ने इस मामले की सुनवाई के लिए सात नवंबर की तिथि निर्धारित की थी।