प्रिंस वर्मा
रामगढ़। झारखंड के रामगढ़ स्थित देश के प्रसिद्ध सिद्धपीठ मां छिन्नमस्तिका मंदिर दर्शन करने बिहार के पटना से एक टोली पहुंची थी। इस दौरान वहां स्थित भैरवी नदी के तेज बहाव की चपेट में टोली के दो युवक आ गए। बड़ी मशक्कत के बाद दोनों युवकों को नदी की तेजधार से बाहर निकाला गया।
जानकारी के मुताबिक बिहार की राजधानी के पटना से श्रद्धालुओं की एक टोली शनिवार को मां छिन्नमस्तिका के दर्शन करने के लिए पहुंची थी। इसमें से एक युवक भैरवी नदी में नहाने के लिए चला गया। इस दौरान चट्टान पर उसका पैर फिसल गया। देखते ही देखते युवक बहने लगा। अपने मित्र को डूबता देख दूसरा युवक उसे बचाने के लिए नदी में कूद गया। देखते ही देखते दोनों युवक पानी के तेज बहाव की चपेट में आ गये।
दामोदर भैरवी संगम स्थल के पास दोनों युवक बचते-बचाते एक गड्ढे में किसी तरह चट्टान को पकड़ा। खड़े होकर जान बचाने की गुहार लगाने लगे। इसी बीच स्थानीय युवकों की एक टोली और मंदिर न्यास समिति के पुजारी ने आवाज देते हुए युवकों को देखा। नदी के आसपास मौजूद चट्टान को पकड़ने के लिए कहा। किसी तरह दोनों भैरवी नदी संगम के ठीक ऊपर किसी तरह चट्टान को पकड़ने में सफलता पाई। पत्थर को पड़कर खड़े हुए।
स्थानीय लोगों के साथ मिलकर मंदिर के पुजारी ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। रस्सी के सहारे स्थानीय युवक पिंटू भैरवी नदी की तेज धार में दोनों युवकों के पास पहुंचे। फिर एक-एक करके दोनों को रस्सी से बांधकर भैरवी नदी की तेज धार से निकालकर बाहर ले आए। उनके सकुशल बाहर आने पर टोली में साथ आए और वहां मौजूद लोगों ने राहत की सांस ली।
इतना जरूर कहा कि इनकी माताओं ने दोनों के लिए जितिया का व्रत किया होगा, तभी मां के आशीर्वाद से दोनों की जान बच गयी। मौत के मुंह से निकाल कर आए। दोनों युवकों मां छिन्नमस्तिका के साथ-साथ सभी लोगों को आभार जताया। मनीष और अभिषेक भी बिहार के पटना से यहां पूजा करने के लिए आए थे।
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