
रांची। खबर आ रही है, फेसबुक अकांउट पर ट्रांसफर संबंधी सरकार के निर्णय के खिलाफ अवांछनीय टिप्पणी करना राज्य पुलिस सेवा के अधिकारी व तत्कालीन डीएसपी एसआईआरबी-02 खूंटी किशोर कुमार रजक को महंगा पड़ गया।
उनके उपर लगे आरोपों को प्रमाणित मानते हुए राज्य सरकार ने उनकी दो वेतन वृद्धि असंचयात्मक प्रभाव से रोकने का आदेश दिया है। साथ ही 27 सितंबर 2019 को शुरू की गयी विभागीय कार्यवाही को निस्तार भी कर दिया है।
पूरे मामले पर विभागीय कार्रवाई भी चलायी गयी। साथ ही डीएसपी से स्पष्टीकरण भी लिया गया है, जिसमें उन्होंने कहा कि उन्होंने सोशल मीडिया पर कोई टिप्पणी नहीं की है। यह फेसबुक अकाउंट किसी दूसरे के द्वारा संचालित हो रहा है।
सरकार ने इसकी समीक्षा में यह भी पाया कि इतने गंभीर मामले पर पुलिस मुख्यालय की ओर से भी कोई त्वरित कार्रवाई नहीं की गई। न ही कोई प्राथमिकी दर्ज हुई। जांच में विभागीय जांच पदाधिकारी की रिपोर्ट में आरोप प्रमाणित पाया गया है। जिसके बाद उनकी वेतन वृद्धि रोकने संबंधी दंड उन्हें दिया गया है। गृह विभाग ने इस संबंध में आदेश जारी कर दिया है।
बता दें कि, साल 2019 में खूंटी के स्पेशलाइज्ड इंडिया रिजर्व बटालियंस-2 (एसआइआरबी-2) के डीएसपी किशोर कुमार रजक ने लगातार तबादलों से परेशान होकर फेसबुक पोस्ट के माध्यम से अपनी पीड़ा साझा की थी। उन्होंने सरकार की स्थानांतरण-पदस्थापन नीति पर भी सवाल उठाया था। ट्रांसफर पोस्टिंग में जाति-धर्म, पैसा-पैरवी का आरोप लगाया था।
उन्होंने लिखा था कि बचपन से जातीय भेदभाव का शिकार तो नहीं हुआ, लेकिन अब महसूस होने लगा है। जोश, ऊर्जा, ईमानदारी, मेहनत व मेरिट बकवास लगने लगा है। हालांकि डीएसपी की इस पोस्ट से महकमे में जब सरगर्मी तेज हुई, तो डीएसपी ने तत्काल उक्तपोस्ट को हटा दिया था।