नई दिल्ली। चंद्रयान-3 की सफलता के बाद ISRO अगले 21 अक्टूबर को सुबह सात से नौ बजे के बीच पहला गगन मिशन लांच करेगा। यह मुख्य मिशन से पहले प्रायोगिक मिशन होगा।
श्री हरिकोटा के सतीश धवन केंद्र से पहला मिशन लांच किया जाएगा। TV-D1 में क्रू मॉडयूल को अंतरिक्ष में भेजा और वापस लाया जाएगा। इस प्रायोगिक मिशन में गगनयान के अंदर का वातावरण उस तरह नहीं है जिस तरह मानवयुक्त गगनयान का होगा।
बता दें कि, इसरो ने 2024 में मानव मिशन गगनयान की योजना तैयार की है। यह भारत का पहला मिशन होगा। तीन दिन के मिशन में 3 सदस्यों के दल को 400 किलोमीटर दूर पृथ्वी की कक्षा में भेजा जाएगा। गगन की लैंडिंग समुद्र में होगी। भारत को भी यह कामयाबी मिलती है, तो मानव मिशन को अंजाम देने वाला चौथा देश हो जाएगा। अमेरिका, चीन और रूस पहले कर चुके हैं।
ISRO अध्यक्ष एस सोमनाथ ने बताया कि गगनयान के लांच से पहले चार प्रायोगिक टेस्ट किए जाएंगे। इसमें पहला टेस्ट 21 अक्टूबर को होगा। इसके बाद D2, D3 और D4 टेस्ट की भी तैयारी पूरी कर ली गई है। पहले टेस्ट में गगनयान का अंतरिक्ष में जाना, आना व फिर बंगाल की खाड़ी में उतरने के बाद इसे बरामद करना शामिल है।
गगनयान के लिए ISRO ने ड्रैग पैराशूट का सफल परीक्षण चंडीगढ़ की लैब में अगस्त में ही कर लिया था। यह पैराशूट अंतरिक्ष यात्रियों के सुरक्षित धरती पर लौटने में मदद करेगा। यह पैराशूट यान की गति को कम करेगा। इसके साथ उसे स्थिर भी रखने का काम करेगा। इसका परीक्षण वास्तविक वातवरण में किया गया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त 2018 को गगनयान मिशन की घोषणा की थी। यह मिशन 2022 तक पूरा होना था, लेकिन कोरोना के कारण देरी हुई। अंतरिक्ष यात्रियों का इस मिशन के लिए प्रशिक्षण बेंगलुरु में शुरू हो गया है। गगनयान मिशन के लिए करीब 90.23 अरब रुपए का बजट आवंटित किया गया है।