रांची। पर्व त्योहार में दुर्घटना को टालने के लिए निर्देश जारी किये गए हैं। राजधानी रांची में दुर्गापूजा, दीपावली और महापर्व छठ के दौरान बनने वाले पंडालों में यदि बिजली का इस्तेमाल किया जाता है, तो हर हाल में बिजली उपकरणों की अर्थिंग कराने का निर्देश ऊर्जा विभाग ने दिया है। ऊर्जा विभाग के वरीय विद्युत निरीक्षक विजय कुमार ने सिन्हा ने एक गाइडलाइन जारी की है।
ये है गाइडलाइन
- जेबीवीएनएल की अनुमति और लोड की स्वीकृति करा कर ही पंडालों में विद्युत सज्जा करें। विधिवत अस्थायी कनेक्शन लेकर ही विद्युतीकरण का कार्य करें।
- पंडालों में अर्थिंग की समुचित व्यवस्था करें। प्रत्येक पंडाल में कम से कम दो अर्थपिटों का निर्माण कराना आवश्यक है।
- बिजली कंट्रोल पैनल ऐसी जगह बनाया जाये, जहां श्रद्धालुओं की भीड़ न हो व विद्युतकर्मी आसानी से आ जा सकें। साथ ही विद्युत नियंत्रण कक्ष का बोर्ड प्रदर्शित करें।
- जेनरेटर को नियमानुसार ही लगाए।
- उचित क्षमता के मेन स्वीच एवं चेंच ओवर स्वीच का व्यवहार करें।
- लोड के अनुरूप ही तारों की साइज का व्यवहार करें, किसी भी हाल में अंडर साइज का तार व्यवहार में नहीं लाएं।
- स्वीच बोर्ड एवं तार को बच्चों की पहुंच से दूर रखें।
- पंडाल एवं गेट को ओवर हेड लाइन से दूर रखें।
- बिजली नियंत्रण कक्ष में रबर मैट, अग्निशामक यंत्र, सूखे बालू से भरी बाल्टी, शॉक ट्रीटमेंट चार्ट, खतरे की मानक तख्ती एवं रबर हैंड ग्लब्स रखना अनिवार्य है।
- कटे-छंटे तार का प्रयोग न करें।
- पंडाल परिसर में प्रवेश एवं निकास के लिए अलग-अलग द्वार बनाये जाएं।
- विद्युतीकरण का काम लाइसेंसधारी व्यक्ति से ही कराएं। किसी मान्यताप्राप्त संवेदक से ही काम कराएं और लाइसेंसधारी विद्युत पर्यवेक्षक को हमेशा रखें।